भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठम नेता लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani’s birthday) का आज 95वां जन्मदिन है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उन्हें बधाई देने उनके आवास पर पहुंचे। प्रधानमंत्री लगभग 30 मिनट तक पार्टी के वरिष्ठ नेता के घर पर रुके और उनसे बातचीत की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, श्रद्धेय लाल कृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिवस पर ढेरों शुभकामनाएँ। उनकी गिनती भारतीय राजनीति की क़द्दावर हस्तियों में होती है। देश, समाज और दल की विकास यात्रा में उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करता हूं।
आदरणीय आडवाणीजी के आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएँ दीं। मैं भगवान से उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/f5kWvMZCbN
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 8, 2022
लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकातों के पलों की तस्वीर शेयर करते हुए रक्षा मंत्री ने लिखा, आदरणीय आडवाणीजी के आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएँ दीं। मैं भगवान से उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की कामना करता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेता को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा, आडवाणी जी ने अपने सतत परिश्रम से एक ओर देशभर में संगठन को मजबूत किया तो वहीं दूसरी ओर सरकार में रहते हुए देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।
आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
आडवाणी जी ने अपने सतत परिश्रम से एक ओर देशभर में संगठन को मजबूत किया तो वहीं दूसरी ओर सरकार में रहते हुए देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) November 8, 2022
कराची में हुआ जन्म
आडवाणी का जन्म अविभाजित पाकिस्तान के कराची शहर में 1927 में हुआ। बेहद काम उम्र में ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए और बाद में जनसंघ के लिए काम किया जहां उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के साथ अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की।
वह 1980 में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे और कई दशकों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पार्टी का मुख्य चेहरा बने रहे। वाजपेयी सरकार में आडवाणी देश के गृह मंत्री रहे और बाद में उन्हें उपप्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में बीजेपी को स्थापित करने के लिए उन्होंने 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर रथ यात्रा की।