केरल विधानसभा सत्र का दूसरा दिन भी चढ़ा सबरीमला विवाद की भेंट  - Punjab Kesari
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केरल विधानसभा सत्र का दूसरा दिन भी चढ़ा सबरीमला विवाद की भेंट 

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तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने सबरीमला विवाद पर चर्चा की मांग करते हुए गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के विधायक खड़े होकर विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन से प्रश्नकाल स्थगित करने का अनुरोध करने लगे। कुछ विपक्षी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने काला बैनर लेकर पहुंचे जिन पर लिखा था सबरीमला में लगी निषेधाज्ञा और पाबंदियां हटाओ।

विधायकों ने इस दौरान सबरीमला बचाओ के नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ नारेबाजी भी की। नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीतला ने विधानसभा अध्यक्ष से सबरीमला में सुविधाओं की कमी और श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को लेकर स्थगन प्रस्ताव के संबंध में उनके नोटिस को मंजूर करने की मांग की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने कहा कि प्रश्नकाल जनता से जुड़े मु्द्दों पर चर्चा के लिए होता है और इसे स्थगित करना आम जनता को चुनौती देना होगा।

श्रीरामकृष्णन ने कहा, सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में महिलाओं का प्रवेश एक अहम मुद्दा है लेकिन अकेले इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा सकती। इसके बाद भी नारेबाजी बंद नहीं होने के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

सबरीमला में महिलाओं के लिए दो दिनों का वक्त निर्धारित किया जा सकता है : केरल सरकार

भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर जारी गतिरोध के बीच केरल सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं को पूजा करने के लिए दो दिन का समय अलग से निर्धारित किया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के मद्देनजर सुचारू यात्रा के साथ ही मंदिर में महिलाओं की पूजा अर्चना के लिए सुरक्षा मांग कर रही चार महिला श्रद्धालुओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के वक्त ये सुझाव आए। याचिका दायर करने वाली महिलाओं की उम्र 20-30 साल के बीच है। चार महिलाओं ने अपनी याचिका में सबरीमला जाने की इच्छा रखने वाली सभी उम्र की महिलाओं के लिए खास तौर पर दो से तीन दिन निर्धारित करने के सुझाव दिए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि तीर्थ यात्रा के दौरान महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग से दो दिनों का वक्त तय किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए के जयशंकरण नांबियार की पीठ ने रेशमा निशांत, शनिला सजीश, धान्या वी एस और सूर्या एम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की।याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मंदिर जाकर पूजा अर्चना करने की उनकी बहुत इच्छा है । लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण वे मंदिर में घुस नहीं पायीं।

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