प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को डिजिटल माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हिस्सा लेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होने की उम्मीद है।पिछले सप्ताह निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के विद्रोह की घटना के बाद किसी बहुपक्षीय मंच पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। ‘वैग्नर ग्रुप’ का विद्रोह हालांकि अल्पाकालिक रहा था।
महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सुरक्षा समूह माना जाता है
भारत की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की होने वाली इस शिखर बैठक में ईरान का इस समूह के नये स्थायी सदस्य में रूप में स्वागत किया जाएगा।बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि एससीओ की शिखर बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और समूह के सदस्यों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है।यह शिखर बैठक पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध जारी रहने के तीन वर्ष पूरे होने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल में हुई अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में हो रही है।शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सुरक्षा समूह माना जाता है।
एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है
भारत ने एससीओ की अध्यक्षता पिछले वर्ष 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन के दौरान संभाली थी। इस समूह के दो निकाय- सचिवालय और एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (एससीओ रैट्स) के प्रमुख भी मंगलवार को इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इस शिखर बैठक का मुख्य विषय ‘सुरक्षित एससीओ की ओर’ (टुवार्ड सेक्योर एससीओ) है।‘सेक्योर’ शब्द (एसईसीयूआरई) का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 के एससीओ शिखर सम्मेलन में गढ़ा गया था और इसका अर्थ- सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है।
पूर्ण सदस्य अस्ताना शिखर सम्मेलन में वर्ष 2017 में बना था
इसमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, समग्र सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ), यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन, सीआईएस सहित छह क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया गया है।भारत ने एससीओ के तहत सहयोग के पांच स्तंभों का सृजन किया है, जिसमें स्टार्टअप एवं नवाचार, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशिता, युवा सशक्तीकरण, साझी बौद्ध धरोहर शामिल हैं।भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य अस्ताना शिखर सम्मेलन में वर्ष 2017 में बना था। भारत 2005 में एससीओ से पर्यवेक्षक देश के तौर पर जुड़ा था।