उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह सरकार की हालिया अधिसूचना को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता जया ठाकुर की उस याचिका पर छह दिसंबर को सुनवाई करेगा, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनावों वाले साल के लिए चुनावी बॉन्ड की बिक्री की अवधि 15 दिन और बढ़ाने संबंधी प्रावधान किया गया है।
नकद चंदे का विकल्प चुनावी बॉन्ड
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली अन्य लंबित याचिकाओं के साथ कांग्रेस नेता जया ठाकुर की नई याचिका पर छह दिसंबर को सुनवाई करेगी।राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया है। सरकार ने दो जनवरी 2018 को चुनावी बॉन्ड योजना को अधिसूचित किया था।
योजना के प्रावधानों के अनुसार, भारत के किसी भी नागरिक, भारत में निगमित या स्थापित निकायों द्वारा चुनावी बॉन्ड की खरीद की जा सकती है।केवल वही दल चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने के लिए पात्र हैं, जो जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल हैं और जिन्होंने पिछले आम चुनाव में लोकसभा में या राज्य की विधानसभा चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं।अधिसूचना के अनुसार, पात्र राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से ही चुनावी बॉन्ड को भुनाया जा सकता है।