राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा विधायक के बेटे को बलात्कार के मामले में जमानत दे दी थी और उसे दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए कहा, आरोपी दीपक और विधायक जौहरी लाल गवाहों को प्रभावित कर सकते है। वह न केवल कार्यवाही में देरी करेगा बल्कि गवाहों पर जांच के दौरान दिए गए अपने बयान से मुकरने के लिए दबाव डालेगा या धमकी देगा।
कोर्ट ने आरोपी को दे दी थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, उनके आदेश के अनुसार कार्य करने में विफलता पर उन्हें आरोपियों के खिलाफ गवाही देने से रोकें, या उन्हें उनके आदेश के अनुसार गवाही देने के लिए प्रेरित करें या आरोपी के बचाव में मदद करें। बता दें, शीर्ष अदालत राजस्थान उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश द्वारा पारित 6 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी।
धारा 66D के तहत मामला दर्ज
आपको बता दें, राजस्थान के दौसा जिले के मंडावर में एक 15 वर्षीय लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। मार्च 2022 में सामूहिक बलात्कार का वीडियो वायरल करने की धमकी के अलावा जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई थी।आरोपियों पर POCSO अधिनियम के प्रावधानों और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66D के तहत मामला दर्ज किया गया था।