सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के अपने फैसले पर बुधवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
इस पर पीठ ने कहा कि 22 जनवरी तक इंतजार करें जब संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मंगलवार को ही चैंबर में इन पुनर्विचार याचिकाओं की विवेचना करने के बाद इन पर 22 जनवरी को सुनवाई करने का निर्णय किया था।
पीठ ने इसके साथ ही स्पष्ट किया था कि इस दौरान शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले और आदेश पर कोई रोक नहीं रहेगी। अधिवक्त मैथ्यूज जे नेदुंपरा ने इस मामले का उल्लेख किया था। उन्होंने नेशनल अयप्पा डेवटीज (वीमेन्स) एसोसिएशन की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर कर रखी है।
शीर्ष अदालत की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की आयु की महिलाओं का प्रवेश वर्जित करने को लैगिंग पक्षपात करार देते हुये इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी थी।