कुकी समुदाय को मणिपुर हिंसा का जिम्मेदार ठहराने वाली याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया, जिसमें सिर्फ अवैध कुकी घुसपैठियों को मणिपुर हिंसा का जिम्मेदार बताया गया था। चीफ जस्टिस ने इसे एकतरफा बताते हुए याचिका सुधार कर दोबारा दाखिल करने को कहा। दरअसल, पीपल्स अलायंस फॉर पीस एंड प्रोग्रेस, मणिपुर की याचिका में कहा गया था कि कुकी लोग जंगलों को काट कर अफीम की खेती कर रहे हैं। यही हिंसा की मुख्य वजह है। वहीं मणिपुर में महिलाओं के साथ अभद्रता मामले में सुनवाई होना अभी बाकी है।
2 महिलाओं ने भी याचिका दाखिल की
सुनवाई से पहले उन 2 महिलाओं ने भी याचिका दाखिल की है जिनके साथ वायरल वीडियो में अमानवीय व्यवहार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट सोमवार (31 जुलाई) को मणिपुर में महिलाओं के साथ अभद्रता मामले में भी सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था जिसमें बताया गया कि महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी के मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “याचिका एकतरफा”
इस मणिपुर की याचिका में कहा गया था कि कुकी लोग जंगलों को काटकर अफीम की खेती कर रहे हैं, जिसे याचिका में हिंसा की मुख्य वजह बताया गया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को एकतरफा बताते हुए याचिका में सुधार की बात कही और दोबारा याचिका दाखिल करने के लिए कहा। मणिपुर की महिलाओं की वायरल वीडियो मामले में केंद्र सरकार ने गुरुवार (27 जुलाई) को हलफनामें में कहा कि राज्य सरकार की इजाजत लेकर मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जा रही हैं। सरकार ने कहा कि मुकदमे का तेजी से निपटारा जरूरी है। कोर्ट मुकदमा राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की अनुमति दे। वहीं सोमवार को मणिपुर से जुड़ी एक दूसरी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे एकतरफा बताया।