सावन की शुरुआत से कांवड़िए पैदल यात्रा कर कांवड़ में गंगा नदी से जल भरकर लाते हैं और फिर सावन शिवरात्रि पर इस जल से भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. शिव पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक या रुद्राभिषेक कराने से व्यक्ति को रोग, दोष, कष्ट, पाप आदि से मुक्ति मिलती है. मोक्ष की प्राप्ति होती है. शिवुपराण के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत करने से आपको संपूर्ण सावन की पूजा का फल प्राप्त होता है. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर 19 साल बाद दुर्लभ संयोग
सावन शिवरात्रि 19 साल बाद आर्द्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी. आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र (शिव) माने गए हैं. आर्द्रा नक्षत्र 1 अगस्त को सुबह 10.24 से शुरू होगा और 2 अगस्त 2024 को सुबह 10.59 पर समाप्त होगा. ऐसे में इस दौरान शिव पूजा का दोगुना फल मिलेगा.
सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा का मुहूर्त
चर (सामान्य) – सुबह 05.43 – सुबह 07.24
लाभ (उन्नति) – सुबह 07.24 – सुबह 09.05
अमतृ (सर्वोत्तम) – सुबह 09.05 – सुबह 10.46
प्रदोष काल – शाम 05.30 – रात 07.11
ये पर्व शिव और माता पार्वती दोनों को समर्पित है. सुखी वैवाहिक जीवन, शीघ्र विवाह, धन लाभ, करियर में तरक्की, संतान सुख की प्राप्ति के लिए सावन शिवरात्रि की पूजा शुभ फलदायी मानी गई है.