Sawan 2024: सावन माह के तीसरे सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिरों में पूजा- अर्चना करने पहुंच रही है। शहर से लेकर गांव तक सभी जगह हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। सुबह मध्यरात्रि से ही भक्त शिवालयों में भोलेनाथ को जलाअभिषेक करने के लिए मंदिर आ रहे है। सावन के महीनों में जो भक्त श्रद्धा और भाव से भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा और उपवास करते हैं। उनकी सभी मनोकानाएं पूर्ण होती है।
#WATCH उज्जैन, मध्य प्रदेश: सावन माह के तीसरे सोमवार के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में आरती की गई। pic.twitter.com/5gFoyC8xsf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 4, 2024
इसलिए यह महीना भोलेनाथ की पूजा अर्चना को समर्पित है। उनकी पूजा करने से मनचाहे परिणाम की प्राप्ति होती है। सावन माह में आने वाले सभी सोमवार को व्रत रखने का विधान है। मानना है कि उपवास रखने से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। वहीं, कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत बेहद खास होता है, इससे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इसलिए साल का सबसे प्रिय महीना श्रावण मास को माना जाता है।
#WATCH दिल्ली: सावन माह के तीसरे सोमवार के अवसर पर कालकाजी मंदिर में आरती की गई। pic.twitter.com/miop3z5VsO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 5, 2024
सावन के तीसरे सोमवार को महाकाल मंदिर में आस्था का सैलाब देखने को मिला। इस दौरान भक्त शिव मंदिरों में जलाभिषेक की रस्म निभाते हैं। हालांकि, बाबा महाकाल की भस्म आरती को देखने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे हुए है। रात की लंबी लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करने के भक्तों ने बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए।
#WATCH उज्जैन, मध्य प्रदेश: सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की गई। pic.twitter.com/WZAGvy3Kb5
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सावन के सोमवार को भारत के प्रमुख शिवालयों में बाबा के दर्शन और जलाअभिषेक के लिए भक्त मध्यरात्रि से ही मंदिर पहुंच रहे है। वहीं, सोमवार के मध्य रात्रि से ही बाबा आनंदेश्वर मंदिर, जागेश्वर महादेव मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, नागेश्वर मंदिर, वनखंडेश्वर मंदिर सहित शहर के सभी शिवालयों में हर-हर महादेव के जयकारों की गूंज रहा।
मंगला आरती के बाद भक्तों ने बेलपत्र, पुष्प और गंगाजल से महादेव का अभिषेक कर सुख समृद्धि परिवार कल्याण की प्रार्थना की। परमट मंदिर में जूना अखाड़ा के की ओर से श्रावण मास के प्रथम दिन महादेव का महाकाल रूप में श्रृंगार किया गया।
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