सबरीमला मुद्दा : भाजपा के प्रदर्शन स्थल पर एक व्यक्ति ने किया आत्मदाह का प्रयास - Punjab Kesari
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सबरीमला मुद्दा : भाजपा के प्रदर्शन स्थल पर एक व्यक्ति ने किया आत्मदाह का प्रयास

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तिरूवनंतपुरम : सचिवालय के समक्ष भाजपा के प्रदर्शन स्थल के पास बृहस्पतिवार को 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। बताया जाता है कि व्यक्ति अयप्पा स्वामी का भक्त है। पुलिस ने बताया कि व्यक्ति की पहचान मुत्तदा निवासी वेणुगोपाल नैयर के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि भगवान अयप्पा के मंत्र का जप करते हुए नैयर ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली और एक तंबू में घुसने का प्रयास किया।

6उस तंबू में भाजपा के वरिष्ठ नेता सी. के. पद्मनाभन सबरीमला मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। हालांकि, मौके पर मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस ने पीने के पानी का इस्तेमाल कर आग बुझाई और नैयर को तुरंत सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। पुलिस ने बताया कि नैयर का पूरा शरीर जल गया है, लेकिन वह बोल पा रहा है। उन्होंने बताया कि नैयर अयप्पा श्रद्धालु है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को दिए अपने आदेश में, सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी।

भाजपा का मार्च सबरीमला मुद्दे को लेकर हुआ हिंसक

सबरीमला मुद्दे को लेकर भाजपा का यहां ‘‘सचिवालय मार्च’’ सोमवार को हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर – बितर करने के लिए पानी की बौछार करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। वहीं, कांग्रेस नीत यूडीएफ ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य विधानसभा तक मार्च निकाला। भाजपा और यूडीएफ ने अलग – अलग मार्च निकाला। उन्होंने सबरीमला के आसपास निषेधाज्ञा वापस लेने के लिए अपने – अपने नेताओं के आंदोलन को खत्म कराने के लिए एलडीएफ सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय के बाहर पुलिसकर्मियों पर उस वक्त पथराव किया और कुर्सियां फेंकी, जब पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
भाजपा ने सबरीमला मुद्दे पर अपना प्रदर्शन तेज करने के तहत मार्च की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा महासचिव ए एन राधाकृष्णन के अनिश्चिकालीन अनशन समाप्त कराने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। वह आठ दिनों से अनशन पर हैं।इसके बाद, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर – बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े।

राधाकृष्णन निषेधाज्ञा हटाने और सबरीमला मुद्दे के संबंध में पार्टी महासचिव के. सुरेंद्रन के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए तीन दिसम्बर से सचिवालय भवन के सामने अनिश्वतकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं। कोट्टायम, कोच्चि और कोझीकोड में भी मार्च निकालने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नथनम राज्य की राजधानी तिरूवनंतपुरम में राधाकृष्णम से मिलने पहुंचे।

कन्नथनम ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार को सबरीमला में लगाई गई निषेधाज्ञा वापस लेना चाहिए। इसके साथ ही सरकार को प्रदर्शनों को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज ‘‘झूठे’’ मामलों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि माकपा नीत एलडीएफ सरकार को लोगों की भावनाएं समझनी चाहिए और राधाकृष्णन का ‘‘अनशन’’ समाप्त कराने के लिए पहल करनी चाहिए। कन्नथनम ने सवाल किया, ‘‘सबरीमला में धारा 144 क्यों होनी चाहिए। कहा जा रहा है कि श्रद्धालु ‘नाम जपम’ (अयप्पा के मंत्रों का जाप) कर रहे हैं। क्या यह आपराधिक कृत्य है?’’

उन्होंने कहा कि बल प्रयोग कर सरकार निषेधाज्ञा और पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शनों को दबाने का प्रयास कर रही है। यह ‘‘अलोकतांत्रिक’’ है। विपक्षी यूडीएफ ने भी मार्च निकाला और मांग की कि सरकार को उसके तीन विधायकों वी एस शिवकुमार, पी अब्दुल्ला और एम जयराज के पिछले आठ दिन से जारी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह को खत्म कराने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

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