रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा पर ISRO और राष्ट्रीय प्रतीक 'अशोक सतम्भ' की छोड़ी ना मिटने वाली छाप - Punjab Kesari
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रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा पर ISRO और राष्ट्रीय प्रतीक ‘अशोक सतम्भ’ की छोड़ी ना मिटने वाली छाप

भारत ने एक बार फिर इतिहस के पन्नों में नाम दर्ज कर लिया है। इस बार भारत ने

भारत ने एक बार फिर इतिहस के पन्नों में नाम दर्ज कर लिया है। इस बार भारत ने वो कर दिखाया है जो अभी पूरी दुनिया नहीं कर पाई। भारत ने चांद के उस छोर पर यान उतारा है, जहां अभी तक कोई देश नहीं पंहुचा सका। ऐसे में खास बात ये है कि लैंडिंग के करीब 2.30 घंटे बाद रोवर बाहर आया। 
 भारत का राष्ट्रीय और ISRO का चिन्ह चांद पर छापा 
बता दें धूल के पूरी तरह से खत्म होने के बाद रोवर को इसरो ने विक्रम से बाहर निकाला। इतना ही नहीं प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं। लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अगला काम उसकी गोद में बैठे रोवर प्रज्ञान को बाहर निकालना था। अब असली मिशन शुरू होगा और विक्रम एवं प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का हालचाल बताएंगे। इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है  चंद्रयान की सफलता की कहानी सबको पता चल चुकी है परन्तु अब बता दें चांद पर भारत का राष्ट्रीय और ISRO का चिन्ह इस तरह रोवर के द्वारा छाप दिया गया है जो कभी मिटाए नहीं जा सकते चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर भी लैंडर विक्रम  से बाहर आ गया

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