चावल निर्यात में तेजी से भारत का वैश्विक व्यापार मजबूत
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भारत के निर्यात में 8% की वृद्धि, Rice का अहम योगदान

source: social media

भारत विश्व की चौथी तेजी से बनने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है साथ ही भारत के निर्यात में तेजी दर्ज की गई है। बता दें कि वर्ष 2025 के अप्रैल और मई महिने में निर्यात लगभग 8 प्रतिशत बढ़ा है और इसी बढ़त के साथ यह 4.16 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इन निर्यात में चावल, फलों और सब्जियों के निर्यात का अहम योगदान रहा है।

Rice का निर्यात

चावल की किस्मों में बासमती और गैर बासमती चावलों के निर्यात में तेजी देखी गई है। बता दें कि वर्ष 2025-26 में के अप्रैल और मई महीने में चावल का निर्यात लगभग 4.7 प्रतिशत तक बढ़ा है और इसी बढ़त के साथ यह 2.04 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। बता दें कि पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2025 में चावल का निर्यात 12.47 डॉलर तक ही था।

बासमती Rice निर्यात

इसके साथ ही उर्वरक और कटे व पॉलिश किए गए हीरे जैसे अन्य क्षेत्रों पर भी कुछ प्रभाव देखने को मिल सकता है, लेकिन बासमती चावल क्षेत्र की तुलना में इसका प्रभाव कम रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 में भारत के बासमती चावल निर्यात में ईरान और इजराइल की हिस्सेदारी लगभग 14 प्रतिशत है, और मौजूदा तनाव के कारण इस पर सीमित प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही मध्य पूर्व, अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों को निर्यात करने की भारत की क्षमता मांग जोखिम को कम करती है।

पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात

बता दें कि भारत एक दशक से चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और माना जा रहा है कि वैश्विक चावल के व्यापार में भारत एक बार फिर अपना नाम कायम रखेगा। साथ ही मानसून की बारिश में फसलों का बढ़ना और चावल के उत्पादन से लेकर निर्यात तक वृद्धि होने की संभावना है। पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात भी तेजी से आगे बढ़ रहा है यह निर्यात 16 प्रतिशत से बढ़कर 0.81 बिलियन डॉलर हो गया है। इसके साथ ही सब्जियों का निर्यात में भी 16% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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