प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश में बुनियादी ढांचे और डिजिटल सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक के बाद एक क्रांतियां हो रही हैं और इनकी वजह से समाज में पेशे के रूप में नवाचार की स्वीकार्यता भी बढ़ी है, ऐसे में आने वाले समय में शोध और नवाचार को जीने का तरीका बनाना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष के ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ के फाइनल में भाग लेने वाले छात्रों को बृहस्पतिवार रात वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक और संस्थागत समर्थन से नवाचार को मजबूती मिलेगी और नए विचारों और मौलिक सोच को स्वीकार भी करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का भविष्य नवाचार और युवाओं द्वारा किए गए कार्यों पर निर्भर करेगा। युवाओं का नवोन्मेषी दिमाग ही भारत को शीर्ष पर ले जाएगा। नए भारत के लिए भारत का आकांक्षी समाज एक उत्प्रेरक का काम करेगा। हम नए विचारों, नयी आकांक्षाओं और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई साल पहले भारत में हरित क्रांति हुई और फिर देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सात-आठ वर्षों में देश एक के बाद एक क्रांति करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में आज बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, डिजिटल, प्रौद्योगिकी और प्रतिभा के क्षेत्र में क्रांति हो रही है तथा सेवा से लेकर विनिर्माण तक के क्षेत्र में अवसर पैदा हो रहे हैं।
मोदी ने कहा कि भारत अपने युवाओं पर भरपूर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है और इसी का नतीजा है कि आज नवाचार सूचकांक में भारत की रैकिंग बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पेटेंट की संख्या सात गुना बढ़ गई है और ‘यूनिकॉर्न’ की गिनती भी 100 के पार चली गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि से लेकर ड्रोन तक, युवा विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार का लाभ ले सकते हैं और काम कर सकते हैं। भारत के इनोवेशन दुनिया में सबसे प्रतियोगी, किफायती, टिकाऊ, सुरक्षित और बड़े स्तर पर लागू होने वाले समाधान देते हैं।’’
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की उम्मीदों का समाधान दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन के दौरान ‘जय अनुसंधान’ का जिक्र किया था,उन्होंने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के प्रतिभागी इसके ध्वजवाहक हैं।
मोदी ने ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ को जन भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण करार दिया।
हैकाथॉन एक राष्ट्रव्यापी पहल है जिसके तहत लोगों के दैनिक जीवन में पेश आ रही समस्याओं का समाधान तलाशने के लिये छात्रों को मंच प्रदान किया जाता है और इसके माध्यम से नवाचार की संस्कृति का पोषण किया जाता है।
फाइनल में 75 केन्द्रों पर 15,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसमें 2,900 से अधिक स्कूलों और 2,200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र 53 केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा सामने रखी गई 476 समस्याओं का समाधान ढूढेंगे।
गौरतलब है कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन ने युवाओं के बीच उत्पाद संबंधी नवाचार, समस्या-समाधान और लीक से हटकर सोचने की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस वर्ष, स्कूली छात्रों में नवाचार की संस्कृति पैदा करने और स्कूल के स्तर पर समस्या-समाधान का दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रयोग के तौर पर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-जूनियर की शुरुआत भी की गई है। इनमें देवनागरी लिपि में टेंपल इंस्क्रीप्शन और ट्रांसलेशन्स, खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं के लिए शीत आपूर्ति श्रृंखला पर निगरानी में सक्षम इंटरनेट प्रणाली, बुनियादी ढांचा और सड़कों की स्थिति के बारे में हाई रिजल्यूलेशन थ्रीडी मॉडल, जैसे मुद्दे शामिल हैं।
‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन हार्डवेयर ग्रैंड फिनाले’ 25 से 29 अगस्त तक निर्धारित है जबकि साफ्टवेयर संस्करण 25 से 26 अगस्त तक आयोजित होगा।