कांग्रेस ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ उठाये गये कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी है और सवाल किया कि क्या यह कदम राफेल मामले को दबावे के लिए उठाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को ट्वीट करके कहा, ‘ मोदी ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी और इसी के साथ इस एजेंसी की श्वसनीयता, निष्पक्षता और ईमानदारी का अंत सुनिश्चित कर दिया गया।’ सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने प्रमुख‘मोदी मेड गुजरात मॉडल’का सच्चा रंग दिखा दिया।
उन्होंने कहा,’ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री सीधे बर्खास्त नहीं कर सकते थे इसलिए उन्हे चुपके से और गुप्त रूप से इस काम को अंजाम देना चाहते थे। विभिन्न गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में बाधा डालने की भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की आदतों के कारण यह कदम उठाया गया है। क्या वर्मा को राफेल घोटाले की परत-दर-परत उधेड़ने में उत्सुक्ता दिखाये जाने के करण हटाया गया है? इसके बाद जो हुआ वह क्या सबकुछ ढ़कने के लिए एक ओछा कदम नहीं है?’
उल्लेखनीय है कि सीबीआई में आतंरिक कलह के मद्देनजर सरकार ने जांच एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है और संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से अंतिरम निदेशक नियुक्त कर दिया है। कार्मिक विभाग की मंगलवार रात जारी अधिसूचना में कहा गया कि राव तुरंत प्रभाव से निदेशक का कार्यभार संभालेंगे।