सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर पर बहस गतिरोध का समाधान खोजने के लिए दोपहर 1 बजे फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक बुलाई थी। I.N.D.I.A से संबंधित पैरिट्स मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत बहस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर यह समूह संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सत्ता पक्ष नियम 176 के तहत चर्चा के पक्ष में है।
सभापति धनखड़ ने कहा कि वह पहले ही फैसला दे चुके हैं और मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा की विपक्षी सदस्यों की मांग को स्वीकार नहीं कर सकते। धनखड़ ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि नियम 176 के तहत चर्चा 2.5 घंटे तक सीमित नहीं रहेगी और जितना जरूरी होगा उतना समय देंगे लेकिन उनका सुझाव सार्थक नहीं हुआ।
मुझे संविधान…आपके अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है-धनखड़
वहीं, सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को मणिपुर बहस पर विपक्ष की मांगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “बचाव” करने के बारे में कांग्रेस नेता मल्लिकाजुन खड़गे की टिप्पणी को “बहुत अच्छा नहीं” बताते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री का बचाव करने की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है।
धनखड़ ने कहा कि, उन्हें संविधान और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। “प्रधानमंत्री को मेरे बचाव की आवश्यकता नहीं है। मुझे किसी का बचाव करने की आवश्यकता नहीं है। मुझे संविधान…आपके अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। विपक्ष के नेता की ओर से इस तरह की टिप्पणी बहुत अच्छी नहीं है… हम कहां जा रहे हैं।
सरकार अपने कार्यों में सक्रिय रही-पीयूष गोयल
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्षी सदस्य चर्चा चाहते हैं और लोग सांसदों की बात सुनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर को सांत्वना की जरूरत है। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि, सरकार मणिपुर की स्थिति के संबंध में अपने कार्यों में सक्रिय रही है और बहस के लिए तैयार है। राज्य में शांति और स्थिरता का संदेश जाना चाहिए, जहां जातीय हिंसा देखी गई है।