राज्यसभा में चल रहा गतिरोध गुरुवार को भी नहीं थमा और राफेल सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे की वजह से उच्च सदन की बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आज भी राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग, राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के आलोक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग, कावेरी नदी पर बांध का विरोध तथा आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दों पर हंगामा हुआ।
हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल, प्रश्नकाल भी नहीं हो पाए तथा बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में आंध्रप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों के साथ ही अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य आसन के समक्ष आ कर अपनी मांगों के पक्ष में नारे लगाने लगे। उनके हाथों में तख्तियां थीं।
विपक्षी कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा के सदस्य आसन के समक्ष नहीं आए लेकिन अपने स्थानों से आगे आ गए थे। कांग्रेस सदस्य जहां राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग कर रहे थे वहीं भाजपा के सदस्य राफेल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के आलोक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहे थे।
अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों का विरोध कावेरी पर बांध निर्माण को लेकर था। आंध्रप्रदेश के सदस्य अपने राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे थे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि पूरा देश यह सब देख रहा है। उन्होंने कहा ‘‘कई मुद्दे लंबित हैं। विधेयक भी हैं। हमें कुछ राज्यों में चक्रवात के कारण हुए विनाश पर भी चर्चा करनी है।’’