कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर चीन के मामले को संभालने में पूरी तरह विफल रहने और असमंजस की स्थिति में होने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि इस सरकार की नीतियों के चलते चीन एवं पाकिस्तान एक हो गए हैं, जो खतरनाक बात है।उन्होंने यह दावा भी किया कि डोकलाम एवं तवांग में जो हुआ है, वो किसी बड़ी तैयारी का हिस्सा है।
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल मदद करेंगे
राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार को सेना, वायुसेना और नौसेना के पीछे नहीं छिपना चाहिए तथा पूरी स्थिति के बारे में देश को अवगत कराना चाहिए तथा अगर वह ऐसा करती है, तो कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल उसकी मदद करेंगे।उन्होंने चीन से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘मैं शहीद के परिवार से हूं। मेरी दादी (इंदिरा गांधी) शहीद हुईं, मेरे पिता (राजीव गांधी) शहीद हुए। जब कोई जवान शहीद होता है, तो उसके परिवार को क्या महसूस होता है, मैं समझता हूं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लोग इसे नहीं समझते। यह अच्छी या खराब बात नहीं है, लेकिन वास्तविकता है।’’
जवान सियाचिन और दूसरे स्थानों पर तैनात हैं
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि हमारा एक भी जवान शहीद नहीं हो। मैं नहीं चाहता कि हम सेना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करें और इसका नुकसान हमारे जवानों और उनके परिवारों को हो। मैं यह नहीं करना चाहता।’’उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग (मीडिया) मेरी टी-शर्ट की बात करते हैं। लेकिन मैं जानता हूं कि जो जवान सियाचिन और दूसरे स्थानों पर तैनात हैं, उन्हें किस मुश्किल का सामना करना पड़ता है। मैं हर जवान से प्यार करता हूं। मैं चाहता हूं कि उन्हें चोट नहीं लगे।’’
पाकिस्तान और चीन एक हो गए
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘जब राष्ट्रीय स्तर का नेतृत्व रणनीतिक रूप से काम नहीं करता है, तो अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भू-राजनीति में तुरंत प्रतिक्रिया आती है। हमारी सरकार ने चीन के मामले को पूरी तरह से ‘मिस्हैंडल’ (संभालने में विफल) किया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विदेश नीति का लक्ष्य था कि चीन और पाकिस्तान को कभी एक नहीं होने देना है। यह हमारा मुख्य लक्ष्य था। यह हमने संप्रग-2 तक सफलतापूर्वक किया। लेकिन आज पाकिस्तान और चीन एक हो गए हैं। यह खतरनाक बात है।
सेना का राजनीतिक इस्तेमाल बंद करना होगा
राहुल गांधी ने दावा किया कि चीन और पाकिस्तान एक हुए, क्योंकि मौजूदा सरकार चीजों को संभालने में विफल रही।उनका कहना था, ‘‘सरकार को सेना, वायुसेना और नौसेना की बात सुननी है। इसका मतलब है कि सेना का राजनीतिक इस्तेमाल बंद करना होगा। आपको सावधानी से कदम उठाने हैं। जो सीमा पर हो रहा है, उसे छिपाइए मत।’’
सरकार असमंजस की स्थिति में है
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन ले ली। लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई अंदर नहीं आया। अगर मैं आपके घर में घुस जाऊं और फिर आप कहें कि कोई अंदर नहीं आया, तो मुझे संदेश मिलेगा? वही चीन के साथ हुआ है।’’उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार असमंजस की स्थिति में है। यह असमंजस खत्म होना चाहिए। बोलना चाहिए कि तुम (चीन) अंदर आए हो, यहां से निकलो।’’
सेना, वायुसेना और नौसेना के पीछे नहीं छुपना चाहिए
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘जब मैं सरकार की बात करता हूं, तो सरकार के लोग कहते हैं कि मैं सेना की बात कर रहा हूं, जबकि ऐसा नहीं है। सरकार ने गलत निर्णय लिए हैं। सरकार को सेना, वायुसेना और नौसेना के पीछे नहीं छुपना चाहिए। यह कायरता है।’’उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सरकार को बताना चाहिए कि यह हुआ और हमने किया। कांग्रेस और पूरा विपक्ष सरकार का साथ देगा।’’