रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि दसॉ एविएशन ने राफेल जेट विमान सौदे हासिल करने के लिए घाटे वाली भारतीय कंपनी में 284 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर सरासर झूठ का सहारा ले रही है और रिलायंस समूह और इसके अध्यक्ष अनिल अंबानी के खिलाफ आक्षेप व मिथ्या आरोप का अनुचित अभियान चलाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि समूह और इसके अध्यक्ष को लगातार राज्यों के विधानसभा चुनावों व आम चुनाव के पहले राजनीतिक लड़ाई में घसीटा जा रहा है। कंपनी ने कहा कि रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड (आरएडीएल) में दसॉ के निवेश का भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच राफेल विमान सौदे से कोई संबंध नहीं है।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘यह निवेश स्वतंत्र रूप से दोनों कंपनियों के आपसी हितों के बीच का लेन-देन है, जोकि कंपनी की जमीन व अन्य परिसंपत्तियों के शुद्ध बाजार मूल्यांकन और हवाई अड्डे और संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारोबार में भविष्य की संभावनाओं पर आधारित है।’
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कंपनी ने कहा, ‘अनिल अंबानी पर व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस का हमला शर्मनाक व सोचनीय है, क्योंकि दसॉ के साथ सभी प्रकार के लेन-देन रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किए गए हैं, जोकि एक सार्वजनिक तौर पर एक सूचीबद्ध कंपनी है और इसके दस लाख से अधिक अंशधारक हैं, जिनमें एलआईसी, जीआईसी और अन्य बीमा कंपनियों जैसी सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों का स्वामित्व 10 फीसदी से अधिक है। साथ ही 15 फीसदी स्वामित्व प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थागत निवेशकों की है।’
कंपनी ने कहा कि अनिल अंबानी व्यक्तिगत तौर पर दसॉ के साथ किसी भी प्रकार के लेन-देन में शामिल नहीं हुए हैं और उनको किसी लेन-देन से कोई व्यक्तिगत लाभ भी नहीं मिला है।