PM मोदी का विपक्ष पर हमला - पिछली सरकारों ने देश के आस्था स्थलों की घोर उपेक्षा की - Punjab Kesari
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PM मोदी का विपक्ष पर हमला – पिछली सरकारों ने देश के आस्था स्थलों की घोर उपेक्षा की

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने देश के आस्था स्थलों की घोर उपेक्षा की है।
केदारनाथ और बदरीनाथ का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भी देश को गुलामी की मानसिकता ने जकड़े रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना होने के कारण अपने आस्था स्थलों का विकास नहीं किया।
सुबह हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री ने सफेद रंग का हिमाचली परिधान और टोपी पहन कर बाबा केदार की पूजा अर्चना की । इस दौरान मोदी के परिधान पर स्वस्तिक का चिन्ह भी दिखाई दिया। उसके बाद वह बदरीनाथ धाम गए जहां उन्होंने भगवान विष्णु के दर्शन किए ।
इस दौरान उन्होंने दोनों धामों में चल रहे निर्माण कार्यों की स्थिति की समीक्षा भी की।
बाद में, चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित अंतिम गांव माणा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “गुलामी की मानसिकता ने हमारे आस्था के स्थलों को जर्जर स्थिति में ला दिया और सैकड़ों वर्षों से मौसम की मार सहते आ रहे पत्थर तथा वहां जाने के रास्ते तक तबाह हो गए।”
उन्होंने दावा किया, “ये लोग (विपक्ष) हजारों वर्ष पुरानी हमारी संस्कृति को समझ नहीं पाए। वे यह भूल गए कि हमारे लिए ये केंद्र सिर्फ ढांचा नहीं बल्कि हमारी प्राणवायु हैं।”
मोदी ने कहा “ घोर उपेक्षा के बावजूद न तो हमारे आध्यात्मिक केंद्रों का महत्व कम हुआ और न ही उनके प्रति हमारे समर्पण में कमी आयी ।”
उन्होंने कहा कि इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए मंदिरों के पुनरुद्धार का काम ‘ईश्वर’ ने उन्हें दिया है।
मोदी ने कहा कि दशकों तक घोर उपेक्षा का शिकार रहे काशी, उज्जैन, अयोध्या और उनके जैसे अनगिनत श्रद्धा के केंद्र अपने गौरव को पुन: प्राप्त कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब को भी सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है ।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है । गुजरात के पावागढ़ में मां काली के मंदिर से लेकर और देवी विंध्याचंल के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है । आस्था के इन केंद्रों तक पहुंचना अब हर श्रद्धालु के लिए आसान और सुगम हो रहा है।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने 12.40 किलोमीटर लंबे गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रज्जूमार्ग और 9.7 किलोमीटर लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ रज्जूमार्ग सहित कुल 3400 करोड़ रुपये की सड़क और रज्जूमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
मोदी ने कहा कि आज पूरा देश अपने आध्यात्मिक केंद्रों के विकास को लेकर गर्व से भर गया है और उत्तराखंड में ‘डबल इंजन’ की सरकार बनने के बाद इस साल चारधाम में अब तक 45 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आस्था और आध्यात्म स्थलों के पुनर्निर्माण से रोजगार और लोगों के जीवन के सुविधा संपन्न होने का पक्ष भी जुड़ा है ।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ जब पहाड़ पर रेल, सड़क और रोपवे पहुंचते हैं तो अपने साथ रोजगार भी लाते हैं और जीवन को जानदार, शानदार और आसान बना देते हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार अब ड्रोन के माध्यम से पहाड़ों पर सामान पहुंचाने पर काम कर रही है। मोदी ने कहा कि ड्रोन पहाड़ों में पैदा होने वाली ताजा सब्जी जल्द बड़े शहरों में पहुंचा देंगे जिससे स्थानीय लोगों की कमाई भी बढ़ेगी।
पहाड़ में काम करने वाले स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित नमक, मसाले तथा अन्य वस्तुओं की गुणवत्ता और पैकेजिंग की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने यहां आने वाले हर तीर्थयात्री से यहां का सामान खरीद कर साथ ले जाने का आग्रह किया।
मोदी ने कहा कि वह चीन सीमा पर बसे माणा गांव से देश के 130 करोड़ देशवासियों से प्रार्थना करते हैं कि अपनी यात्रा पर होने वाले खर्च में से कम से कम पांच प्रतिशत पैसा वे स्थानीय उत्पादों को खरीदने में खर्च करें।
इस अभियान को ‘वोकल फॉर लोकल’ की तरह चलाने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा, “अगर कोई उत्पाद आपके घर में है तो भी दूसरा लेकर जाइए। किसी को भेंट दे दीजिए, लेकिन लेकर जरूर जाइए।“
उन्होंने कहा कि इससे आपको संतोष और आनंद मिलेगा और क्षेत्र के लोगों को रोज-रोटी मिल जाएगी ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा की एक स्थानीय महिला ने उन्हें बताया कि इस बार यात्रा के अच्छा होने से उनका ढाई लाख रुपये का सामान बिक गया।
मोदी ने पहाड़ के लोगों के मेहनती होने को उनकी ताकत बताते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने उनकी इस ताकत को उनके खिलाफ ही इस्तेमाल किया और उन्हें कोई सुविधा नहीं दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहाड़ की चुनौतियों का हल निकालने का प्रयास किया और हर गांव तक बिजली, पानी सहित हर मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई। प्रदेश के कोने-कोने में ‘डिजिटल कनेक्टिविटी’ पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि माणा गांव में आठवीं कक्षा तक पढ़ी महिलाएं भी डिजिटल माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘डबल इंजन’ की सरकार प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास के लिए आर्थिक मद्द दे रही है तथा उनके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीय कैडिट कोर (एनसीसी) का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
हिमाचल वंदे भारत ट्रेन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल का सपना जल्द साकार होगा ।
मोदी ने कहा कि ‘कनेक्टिविटी’ अच्छी होने और दूरी कम होने से उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा ।
इस संबंध में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सीमा सड़क संगठन ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 7000 किलोमीटर नई सड़कों तथा सैकड़ों पुलों का निर्माण किया है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की ‘कनेक्टिविटी’ को बढ़ाने के लिए अब सागरमाला और भारतमाला की तर्ज पर पर्वतमाला का काम आगे बढ़ाया जाएगा और इसके तहत उत्तराखंड और हिमाचल में रज्जूमार्गों का एक बड़ा नेटवर्क बनना शुरू हो चुका है।
सीमावर्ती गांवों के विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें चहल-पहल बढ़नी चाहिए और ऐसे गांव बनने चाहिए जिससे उन्हें छोड़कर जा चुके लोगों का मन भी वहां लौटने को करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती गांवों के लिए वह जल्द कोई योजना लाएंगे और वह माणा भी उसी के मद्देनजर आए हैं ।
21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का बताते हुए प्रधानमंत्री ने फिर दोहराया कि उसकी आशा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी मेहनत कम नहीं होगी।
मोदी ने कहा कि इस जनविश्वास पर खरा उतरने के लिए वह बाबा केदारनाथ और बदरीनाथ का आशीर्वाद लेने यहां आए थे।

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