भाजपा नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों द्वारा घोषित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से बुधवार को आग्रह किया कि वह अपनी उम्मीदवारी वापस ले लें।
उमा ने कहा कि अगर सिन्हा उनमें विश्वास करते हैं, जैसा कि वह भाजपा थिंक टैंक के रूप में रहते हुए कहा करते थे, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए।
यशवंत सिन्हा को विपक्षी दलों ने संयुक्त उम्मीदवार किया घोषित
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने मंगलवार को ओडिशा की आदिवासी नेता द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा को कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में काम कर चुके सिन्हा ने पार्टी नेतृत्व के साथ गंभीर मतभेदों के बाद वर्ष 2018 में भाजपा छोड़ दी थी।
भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा कि सिन्हा कभी भाजपा के ‘थिंक टैंक’ का हिस्सा थे और हर कोई उनके सुझावों का पालन करता था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘राजग ने द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है, यह हम सब के लिए गर्व एवं उपलब्धि है। उनके राष्ट्रपति बनने से देश के संविधान की गरिमा एवं पूरे संसार में हमारे देश का सम्मान बढ़ेगा।’’
भारती ने कहा, ‘‘विपक्ष ने यशवंत सिन्हा जी को अपना उम्मीदवार बनाया है। यशवंत सिन्हा जी पहले भारतीय जनता पार्टी में थे तथा अटल जी की सरकार में मंत्री बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी के ‘थिंक टैंक’ का हिस्सा रहे, तब मैं भी उन बैठकों में भागीदारी करती थी।’’
2. विपक्ष ने श्री यशवंत सिन्हा जी को अपना उम्मीदवार बनाया है, श्री यशवंत सिन्हा जी पहले भारतीय जनता पार्टी में थे तथा अटल जी की सरकार में मंत्री बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी के थिंकटैंक का हिस्सा रहे, तब मैं भी उन बैठकों में भागीदारी करती थी. @YashwantSinha
— Uma Bharti (@umasribharti) June 22, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘‘उस समय पर यशवंत सिन्हा जी जो बोलते थे यदि वह उसमें विश्वास करते हैं और उसका पालन करते हैं तो उन्हें राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से अपना नाम वापस ले लेना चाहिए।’’
भारती ने कहा, ‘‘उनकी एनडीए से नाराजगी हो सकती है किंतु जिन बातों पर हम यकीन करते हैं उसका पालन कहीं भी हो रहा हो तो हमें उस बात के खिलाफ खड़े नहीं होना चाहिए। अगर यही स्वतंत्र चेतना का अर्थ है तो मेरे बड़े भाई जैसे यशवंत सिन्हा जी मेरे अनुरोध को स्वीकार करें।’’
4. उनकी एनडीए से नाराजगी हो सकती है किंतु जिन बातों पर हम यकीन करते हैं उसका पालन कहीं भी हो रहा हो तो हमें उस बात के खिलाफ खड़े नहीं होना चाहिए।
अगर यही स्वतंत्र चेतना का अर्थ है तो मेरे बड़े भाई जैसे श्री यशवंत सिन्हा जी मेरे अनुरोध को स्वीकार करें।— Uma Bharti (@umasribharti) June 22, 2022