राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को ओडिशा के लिंगराज मंदिर का दौरा किया और भगवान शिव से प्रार्थना की। राष्ट्रपति राजभवन से निकलकर लिंगराज मंदिर गयीं। मंदिर के पास पहुंचकर वह बिन्दुसागर गयीं और अपने पैर धोए। बिंदुसागर से वह नंगे पैर ही देवताओं के दर्शन और प्रार्थना करने के लिए लिंगराज मंदिर गई। राष्ट्रपति के साथ ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल भी थे। उन्होंने वहां मौजूद बच्चों से भी बातचीत की।
मंदिर को खूबसूरती से सजाया गया था
मुर्मू के दौरे के मद्देनजर मंदिर के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंदिर को खूबसूरती से सजाया गया था और राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पारंपरिक जनजातीय नृत्य, गीत और संकीर्तन का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति की एक झलक पाने के लिए बड़ संख्या में लोग सड़क के दोनों ओर खड़ थे।
विद्याधरपुर के लिए रवाना हुईं
मंदिर के पंडितों ने बताया कि मुर्मू ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा की और भगवान लिंगराज का जलाभिषेक किया। उन्होंने मंदिर परिसर में मां गौरी, मां भुवनेश्वरी, सिंधी विनायक के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। वहां से राष्ट्रपति कटक में राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, विद्याधरपुर के लिए रवाना हुईं। वह कटक में आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में दूसरी भारतीय चावल कांग्रेस का उद्घाटन करने वाली हैं। राष्ट्रपति सीआरआरआई कार्यक्रम के बाद आज ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।सोनिया, यामिनी वार्ता नननन