सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बीच अक्सर नए-नए मुद्दों पर बहस देखने को मिलती है। बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश को पत्र लिखकर कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी नेताओं एवं उनके परिवारों के विरुद्ध विद्वेष के कारण राजनीतिक विमर्श की मर्यादा तार-तार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नेताओं की बदजुबानी और अशोभनीय वक्तव्यों को लेकर अदालत का रुख किया तो कांग्रेस के सारे के सारे नेता अदालतों के चक्कर काटते फिरेंगे।
प्रेम शुक्ला ने पत्र को ट्विटर पर भी जारी किया है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘आपके द्वारा हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र को पढ़कर साफ ज्ञात होता है कि उक्त पत्र संदर्भित बहस को पूरी तरह से देखे बिना ही लिखा गया। 23 जुलाई 2022 को उक्त बहस में कांग्रेस के प्रवक्ता द्वारा भारत सरकार की महिला मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी 18 वर्षीय पुत्री की अनावश्यक ढंग से सार्वजनिक रूप से अवमानना की जा रही थी। उससे राजनीतिक विमर्श की मर्यादा तार-तार हो रही थी। कांग्रेस पार्टी विद्वेषवश एक परिवार को जिस तरह से क्षुद, राजनीति में घसीट रही है, वह राजनीतिक अपसंस्कृति का प्रमाण है। इस तरह की हरकतें कांग्रेस नेता आए दिन करते रहते हैं। चूंकि आपको कांग्रेस की मीडिया का प्रभार नया-नया मिला है, इसलिए तथ्यों से अवगत कराने के लिए यह पत्र आपको प्रेषित करना आवश्यक है।’’
बीजेपी नेता ने लिखा, ‘‘कांग्रेस के छोटे नेताओं से लेकर शीर्ष स्तर तक के नेताओं ने बारंबार दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता और प्रधानमंत्री जी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अपशब्द कहा है। कई अपशब्द तो ऐसे हैं, जिसे बोला भी नहीं जा सकता। श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी से लेकर तमाम कांग्रेस नेताओं ने जी भर के देश के प्रधानमंत्री का अपमान किया है। तब क्यों कांग्रेस के किसी भी नेता को शर्म नहीं आई। शर्म आती भी क्यों? क्योंकि आप लोगों ने शर्म को भी घोल कर पी लिया है। आपकी पार्टी के नेताओं ने 80 से अधिक बार प्रधानमंत्री को बेहद अशोभनीय, बेहद आपत्तिजनक और बेहद बदजुबानी भरे लहजे में अपशब्द कहा है। आप लोग प्रधानमंत्री को अपशब्द कहते हैं जबकि प्रधानमंत्री देश के जन-जन के कल्याण के लिए काम करते हैं।’’
कांग्रेस नेताओं के बयान की जितनी निंदा की जाए उतनी कम
प्रवक्ता ने पत्र में लिखा, ‘‘आपने अपने पत्र में महिलाओं के सम्मान की बात की है। इस पर कांग्रेस को बात करने का तो कोई अधिकार ही नहीं है। कांग्रेस कार्यालय में महिला कर्मी से अभद्रता होती है तो कांग्रेस चुप रहती है। तंदूर कांड से लेकर महिलाओं को‘ टंच माल’ कहने तक कांग्रेस के नेताओं ने महिलाओं के खिलाफ अभद्रता की चरम सीमा पार कर रखी है। यहाँ तक कि देश की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए भी आपके नेताओं ने अत्यंत ही निंदनीय टिप्पणी की है। महिलाओं के खिलाफ बयान देने में तो आपकी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के दर्जनों ऐसे बयान हैं जिसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने देश की राजनीति के स्तर को गर्त तक गिरा दिया है। श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी सहित आप से अपील है कि आप कांग्रेस नेताओं की शर्मनाक हरकत, देश की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के खिलाफ अशोभनीय बयानबाजी और कांग्रेस नेताओं द्वारा बारंबार देश की महिलाओं का अपमान करने के लिए देश की जनता से माफी मांगे। साथ ही, आप अपने प्रवक्ताओं और नेताओं को राजनीति की गरिमा को ठेस न पहुंचाने और अभद्र भाषा व बदजुबानी से परहेज करने की सीख दें। अगर हमने कांग्रेस नेताओं की बदजुबानी और अशोभनीय वक्तव्यों को लेकर अदालत का रुख किया तो कांग्रेस के सारे के सारे नेता अदालतों के चक्कर काटते फिरेंगे।’’ प्रेम शुक्ला ने कहा, ‘‘आशा है, आप इस पत्र को अन्यथा नहीं लेंगे और पत्र में उद्धृत तथ्यपूर्ण संदर्भों पर अपनी गिरेबाँ में झांकेंगे, अपने आकाओं के साथ बैठ कर चिंतन-मनन करेंगे और पहले अपने नेताओं पर कार्रवाई करने का साहस करेंगे।’’