हाल ही में 23 मई को बिहार के पटना में विपक्षी दलों की एक बैठक हुई थी | जिसके बाद एक और बैठक के करने की मंजूरी भी दी गई | आपको बता दें कि यह बैठक पटना में हुई पिछली बैठक में आए दलों के नेताओं की सहमति से हो रही है | इसमें एनसीपी, राजद, जद(यू), झामुमो, शिवसेना-यूटीबी, डीएमके, वामदल, समाजवादी पार्टी, एनसी, पीडीपी, तृणमूल समेत अन्य की सहमति है। माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी एकता के भविष्य का फॉर्मूला एक आकार ले लेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विपक्षी एकता की कवायद के बीच विपक्षी दलों की अहम बैठक अब 14 जुलाई को होगी | इससे पहले यह बैठक 10 या 12 जुलाई को होनी थी | फिलहाल बैठक के लिए हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को चुना गया है | हालांकि, खबर यह भी आ रही है कि बैठक शिमला की जगह जयपुर में भी आयोजित की जा सकती है | लेकिन अभी तक बैठक की जगह पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है | बता दें कि बैठक का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के द्वारा किया जाएगा | इस बीच हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने दावा किया कि यह महाबैठक ही 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत की नींव रखेगी |
कांग्रेस के साथ कौन-कौन सी पार्टियां शामिल है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 23 जून को पटना में हुई बैठक में आए दलों की सहमति से ये बैठक हो रहीं है | इसमें एनसीपी, राजद, जद(U), झामुमो, शिवसेना UBT, डीएमके, वामदल, समाजवादी पार्टी, एनसी, पीडीपी, तृणमूल समेत अन्य की सहमति है। माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी एकता के भविष्य का फॉर्मूला एक आकार ले लेगा।
इससे पहले 23 जून को हुई बैठक में विपक्षी दलों ने एक होकर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को चुनौती देने पर अंतिम सहमति बना ली थी। अब 14 जुलाई को बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा के बाद गठबंधन के नाम और इसके राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम पर सहमति बन सकती है। हालांकि, इससे पहले ही यह चर्चा तेज हो गई है। पटना बैठक में ही गठबंधन के एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी ने गठबधन के नाम और उसके सहयोगी को लेकर एक संकेत दे दिया था। यदि किसी विपक्षी दल को इस पर आपत्ति न हुई तो शिमला बैठक के बाद इसकी औपचारिक तौर पर घोषणा की जा सकती है।