प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत के लिए देश वासियो को नई सोच दी , इसी सोच का परिणाम है जो चीजे ओल्ड फैशन बताई जाती थी वह अब पुरे विश्व में नए दौर का प्रतीक बन गया है। पहले कोई भी नए काम को शुरू करने से पहले कई बार सोचा जाता था जिस वजह बहुत से लोग प्रतिभावान होते हुए भी सिर्फ कुछ पैसे की नौकरी में ही जीवन व्यतीत कर देते थे। मोदी की ही नई सोच का परिणाम है जो देश स्टार्टअप शुरू हुए और देश में नौकरी देने वालो की संख्या बढ़ी।
आजादी के बाद कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार घरेलू कपड़ा क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रही है और 2014 के बाद, उस मानसिकता को बदलने का प्रयास किया गया है जो विकसित हुई थी जहां लोग खादी कपड़े पहनने वालों को हेय दृष्टि से देखते थे। पीएम मोदी प्रगति मैदान परिसर में ‘भारत मंडपम’ में नौवें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर बोल रहे थे।आजादी के बाद कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जो पिछली शताब्दी के दौरान इतना मजबूत था… स्थिति यह थी कि इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था… जो लोग खादी पहनते थे उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाता था।
पिछले 9 वर्षों में खादी का उत्पादन 3 गुना बढ़ा
प्रधानमंत्री ने कहा, ”2014 से हमारी सरकार इस मानसिकता को बदलने पर काम कर रही है।’ पिछले 9 वर्षों में खादी का उत्पादन 3 गुना बढ़ गया है और खादी कपड़ों की बिक्री भी 5 गुना बढ़ गई है। पीएम मोदी ने कहा, हथकरघा व्यवसाय का कारोबार लगभग 30,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और विदेशों में खादी कपड़ों की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर लोगों से स्थानीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाने का आग्रह किया और कहा कि भारत के जीवंत हथकरघा देश की विविधता का उदाहरण हैं।