PM मोदी ' Project Cheetah ' की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की करेंगे अध्यक्षता - Punjab Kesari
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PM मोदी ‘ Project Cheetah ‘ की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की करेंगे अध्यक्षता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई स्थानांतरित बड़ी बिल्लियों की मौत के मद्देनजर प्रोजेक्ट चीता की स्थिति की समीक्षा के

कई स्थानांतरित बड़ी बिल्लियों की मौत के मद्देनजर प्रोजेक्ट चीता की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं।
दो नर चीतों – तेजस और सूरज की मौत
यह बैठक हाल ही में दो नर चीतों – तेजस और सूरज की मौत के बाद हुई है और इस मामले पर आशंकाएं जताई गई हैं।
शिवराज सिंह चौहान के भी वर्चुअल बैठक में शामिल होने की संभावना
सूत्रों ने बताया, बैठक बुधवार सुबह 11 बजे के आसपास होनी तय है। इसमें मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव असीम श्रीवास्तव, भारतीय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य और चीता स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के अलावा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी वर्चुअल बैठक में शामिल होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था
प्रोजेक्ट चीता केंद्र की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है और प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़ा था। दूसरे चरण में इसी साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से और 12 चीते लाए गए।
कुल आठ चीतों की मौत हो चुकी है
हालांकि, तब से कुनो में नामीबियाई मादा चीता सियाया के चार शावकों में से तीन सहित कुल 8 चीतों की मौत हो चुकी है। दो वयस्क अफ्रीकी चीतों – तेजस और सूरज की मौत ने जमीन पर प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञ जमीन पर निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया में कमी का आरोप लगाते रहे हैं। बताया जा रहा है कि तेजस और सूरज की मौत रेडियो कॉलर (गर्दन पर जीपीएस लगा बेल्ट) के कारण कीड़ों के संक्रमण से हुई थी। तभी से यह आशंका जताई जा रही थी कि रेडियो कॉलर (चीतों की गर्दन पर लगा जीपीएस सिस्टम) की वजह से चोट लगी है।
रेडियो कॉलर की समस्या एक चुनौती 
वरिष्ठ वन अधिकारियों सहित विशेषज्ञों ने यह भी दावा किया है कि रेडियो कॉलर की समस्या एक चुनौती बन गई है, लेकिन यह कोई नई समस्या नहीं है क्योंकि पहले भी बाघों के साथ इसी तरह की समस्या हो चुकी है। हालांकि, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में पांच वयस्क चीतों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।

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