प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के डिजिटल पब्लिक स्ट्रक्चर की तारीफ की। पीएम ने कहा दुनिया पर इसके अच्छे प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने 26 अगस्त को कहा कि भारत इनोवेशन के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है। खासकर कि हमारा सफल डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा आज काफी चर्चा में है।
भारत के डिजिटल पब्लिक स्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी की तारीफ की गई
पीएम ने बताया कि दुनिया का 46 प्रतिशत डिजिटल भुगतान लेनदेन भारत में हो रहा है, जो हमारी नीतियों की सफलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। भारत के डिजिटल पब्लिक स्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी ने आधार, यूपीआई, को-विन और प्रधानमंत्री जन धन योजना के जरिए प्रभावी ढंग से सीधे लाभार्थियों तक सेवाएं पहुंचाई हैं। भारत ने दिखाया है कि टेक्नोलॉजी आखिरी इंसान तक योजना का लाभ सुनिश्चित करने में बड़ा अहम रोल निभा सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि आज, हमारे लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और उपयोग करने में भारत की सफलता को दुनिया भर में मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत को इनोवेशन के इनक्यूबेटर के रूप में देखती है।
भारत के डिजिटल पब्लिक स्ट्रक्चर में इंटरेस्ट ले रहे कई देश दिलचस्पी
पीएम मोदी ने कहा कि न केवल वैश्विक विशेषज्ञों ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के उपयोग की सराहना की है, बल्कि मुझे विश्व नेताओं के साथ अपनी बैठकों के दौरान उनमें काफी दिलचस्पी भी महसूस हुई है। सभी लोग भारत के डिजिटल पब्लिक स्ट्रक्चर में इंटरेस्ट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई देशों ने हमारे अनुभव से सीखने में गहरी रुचि दिखाई है।
जी20 देशों ने बड़े पैमाने पर सराहना की गई
जी20 का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हम टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर डिजिटली सेवाओं के जरिए वैश्विक विकास में तेजी लाने के लिए जी20 देशों के साथ काम कर रहे हैं। इसकी जी20 देशों ने बड़े पैमाने पर सराहना की है। हमें विश्वास है कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की बढ़ती लोकप्रियता वैश्विक वित्तीय समावेशन और जीवन को आसान बनाने में काफी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने हमें लाभार्थियों तक पहुंचने में काफी मदद की है। इसके जरिए गरीबों के लिए किफायती ऋण और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हुई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञों ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के कुशल उपयोग को स्वीकार किया है. उन्होंने विदेशों में अपनी बैठकों के दौरान ये महसूस किया है भारत की इस सफलता में विश्व नेताओं की रुचि भी है।