पीएम मोदी बोले - सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण का कोई इरादा नहीं - Punjab Kesari
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पीएम मोदी बोले – सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण का कोई इरादा नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि केंद्र का सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के निजीकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि केंद्र का सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें अपने राजनीतिक हितों के लिए अफवाहें फैला रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि निजीकरण के लिए न तो कोई प्रस्ताव विचाराधीन है और न ही केंद्र का ऐसा करने का कोई इरादा है।
पीएम मोदी तेलंगाना दौरे के दौरान पेद्दापल्ली जिले के रामागुंडम में अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों का झूठ पकड़ा गया है, क्योंकि तेलंगाना सरकार की एससीसीएल में 51 फीसदी हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार की हिस्सेदारी 49 फीसदी है और वह निजीकरण पर फैसला नहीं ले सकती है। साफ है वह टीआरएस समर्थित कर्मचारी संघ और वाम दलों से संबद्ध ट्रेड यूनियनों के विरोध का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि पूर्व में कोयला क्षेत्र में कई हजार करोड़ रुपये के घोटाले हुए लेकिन पिछले आठ साल से कोयला खदानों की नीलामी में पारदर्शिता बरती जा रही है और इसका लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंच रहा है।’
मोदी ने यह भी टिप्पणी की कि उनकी तेलंगाना यात्रा और जनसभा में भारी भीड़ के कारण, हैदराबाद में कुछ लोगों की रातों की नींद हराम हो गई है। प्रधानमंत्री ने रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया और भद्राचलम रोड- सत्तुपल्ली रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित की, जिसे लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उसके अलावा उन्होंने अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की इन परियोजनाओं से खेती और व्यापार क्षेत्रों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जीवनयापन में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि अतीत में भारत उर्वरकों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर था, क्योंकि देश में यूरिया कारखाने पुरानी तकनीकों के कारण बंद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 से पहले आयातित यूरिया रासायनिक कारखानों में चला जाता था और किसान खाद के लिए रात-रात भर लाइन में खड़े रहते थे। उन्होंने दावा किया कि इस डायवर्जन को 100 प्रतिशत यूरिया की नीम कोटिंग से रोका गया।
उन्होंने कहा कि पांच उर्वरक संयंत्र फिर से खोले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक संयंत्र और रामागुंडम में दूसरा संयंत्र फिर से खुल गया है और वह 60 लाख टन यूरिया प्रदान करेंगे, जिससे देश को हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रामागुंडम संयंत्र से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के किसानों को लाभ मिलेगा। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी भी इस दौरान पीएम मोदी के साथ मौजूद थे।

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