प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सशक्त बनाने के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन (PM Cares for Children) योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन,आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिनके माता और पिता, दोनों नहीं रहे। यह इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आपसे पीएम के तौर पर नहीं, आपके परिवार के सदस्य के तौर पर बात कर रहा हूं। मैं जानता हूं कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना मुश्किल है। हर दिन का संघर्ष, हर दिन की तपस्या। आज जो बच्चे हमारे साथ हैं, जिनके लिए ये कार्यक्रम हो रहा है, उनकी तकलीफ शब्दों में कहना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, जीवन हमें कई बार अप्रत्याशित मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसी स्थितियां जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की होती है। हंसते खेलते हुए अचानक अंधेरा छा जाता है और सब कुछ बदल जाता है। कोरोना ने अनेकों परिवारों में ऐसा ही कुछ किया है। कोई भी प्रयास/समर्थन आपके माता-पिता के स्नेह की जगह नहीं ले सकता। उनकी गैरमौजूदगी में ‘मां भारती’ आपके साथ है।
हर महीने मिलेंगे 4000 रुपए
पीएम मोदी ने कहा, बच्चे जब स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेंगे तो उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए और रुपयों की जरूरत होगी तो इसके लिए 18 साल से 23 साल तक के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब वो 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपए आपको एक साथ मिलेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है।
5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, अगर कोई बच्चा बीमार पड़ता है तो उसे इलाज के लिए पैसे चाहिए। ऐसे में बच्चों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है, इससे पांच लाख तक इलाज की मुफ्त सुविधा रहेगी। अगर किसी को प्रोफेशनल कोर्स या हायर एजुकेशन के लिए ‘एजुकेशन लोन’ चाहिए तो, ‘पीएम केयर्स’ उसमें भी मदद करेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत पिछले वर्ष 29 मई को की थी और इसका मकसद ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 के बीच अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता को खो दिया हो।