प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को तलब किया है। गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण को 4 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी रामकृष्ण और पांडे का एक साथ बयान दर्ज करना चाहती है। ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर के आधार पर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर जांच एजेंसी ने यह मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को संजय पांडे का बयान दर्ज किया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।
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सीबीआई अधिकारियों ने इस मामले में मुंबई, पुणे और देश के कई अन्य हिस्सों में भी छापेमारी की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन सभी के खिलाफ पीएमएलए एक्ट (धन-शोधन निवारण अधिनियम) के आपराधिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने भी आरोपियों के खिलाफ पिछले हफ्ते इससे जुड़े एक मामले में केस दर्ज किया था।
मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि नारायण और रामकृष्ण ने मुंबई सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त संजय पांडे की एक कंपनी को शेयर बाजार के कर्मचारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के काम में लगाया था। पहले सीबीआई और अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी संजय पांडेय, उनकी दिल्ली स्थित कंपनी, एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और एनएसई के प्रेमाइसेज हेड महेश हल्दीपुर को अपने-अपने केस में आरोपित बनाया है।