विदेश यात्रा के लिए वीजा से पहले जो आवश्यक हो वह पासपोर्ट हर राष्ट्र का एक अलग पासपोर्ट होता है। पासपोर्ट बनवाने के लिए पहले की अपेक्षा अब सुविधाओं में सुधार तो हुआ है लेकिन फिर भी बहुत से लोग बिना पासपोर्ट के बहुत से अवसरों से वंचित रह जाते है। पासपोर्ट सेवा दिवस के मौके पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार भारत निकट भविष्य में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी-संस्करण 2.0) के दूसरे चरण को शुरू करेगा और जिसमें नए ,उन्नत ई-पासपोर्ट शामिल हैं।
पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकरियों से आह्वान
जयशंकर ने भारत और विदेश में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकरियों से आह्वान करते हुए कहा लोगो को समय पर ,विश्वसनीय, सुलभ, पारदर्शी और कुशल तरीके से” पासपोर्ट और संबंधित सेवाएं प्रदान करने की प्रतिज्ञा को नवीनीकृत को शामिल करे। जयशंकर ने कहा हम जल्द ही नए और उन्नत ई-पासपोर्ट सहित पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) संस्करण 2.0 शुरू करेंगे।
ई-पासपोर्ट का उपयोग से विदेशी यात्रा आसान
उन्होंने आगे कहा, “नागरिकों के लिए ‘जीवन जीने में आसानी’ को बढ़ाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, ये पहल ‘ईज़’ के एक नए प्रतिमान की शुरुआत करेंगी: ई: डिजिटल इको-सिस्टम का उपयोग करके नागरिकों के लिए उन्नत पासपोर्ट सेवाएं ए: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित सेवा वितरण एस: चिप-सक्षम ई-पासपोर्ट का उपयोग करके आसान विदेशी यात्रा ई: बढ़ी हुई डेटा सुरक्षा।
परिचालन शासन के स्तरों के बीच एकरूपता बनाने में सक्षम
जयशंकर ने अपने संदेश में कहा कि पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) ने भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कई राज्यों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों के अपने दौरे के बारे में बताया। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय के अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसी तरह का दौरा किया है। उन्होंने आगे कहा, इन दौरों ने हमें नीति और परिचालन शासन के स्तरों के बीच एकरूपता बनाने में सक्षम बनाया है। भविष्य में भी ऐसे प्रयासों में कोई कमी नहीं आएगी।
डिजिटल इंडिया लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान
जयशंकर ने अपने संदेश में कहा, “पीएसपी ने एमपासपोर्ट सेवा मोबाइल ऐप, एमपासपोर्ट पुलिस ऐप, डिजिलॉकर के साथ पीएसपी का एकीकरण और ‘कहीं से भी आवेदन करें’ योजना जैसे मील के पत्थर के साथ सरकार के डिजिटल इंडिया लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा, 2014 में, देश में 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) थे, यह संख्या 7 गुना बढ़ गई है और आज 523 हो गई है। पीओपीएसके के संदर्भ में, मैं इसकी भूमिका को स्वीकार करना चाहूंगा डाक विभाग और राज्य पुलिस प्राधिकरण सम्मानित भागीदार हैं।