रंजन चौधरी के निलंबन के मामले को लेकर पहली बुलाई गई बैठक में विशेषाधिकार समिति सदन में हुई घटना को लेकर पर चर्चा करने के बाद यह तय करेगी कि इसमें सुनवाई की प्रक्रिया कैसे शुरू की जाए और अगली बैठक में किन-किन को बुलाया जाए। आपको बता दें कि, संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर लोक सभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर 10 अगस्त को सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन से निलंबित करते हुए उनके मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।
भाजपा नेताओं ने स्पीकर ओम बिरला से की थी शिकायत
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा 10 अगस्त को ही लोक सभा में पेश किए गए प्रस्ताव को सदन द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उसी दिन अधीर रंजन चौधरी द्वारा सदन में लगातार किए जा रहे व्यवहार की जांच का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजते हुए समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें सदन से निलंबित करने की घोषणा कर दी थी।
इंडिया गठबंधन ने रंजन चौधरी के निलंबन का किया था विरोध
बता दें कि रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने कहा, वो देश के पीएम के बारे में गलत बयानबाजी नहीं कर सकते। इस बीच इंडिया गठबंधन ने चौधरी के निलंबन को लेकर विरोध किया है, उन्होंने कहा, जो भी केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करता है, उसको संसद से सस्पेंड कर दिया जाता है, दरअसल पूरा मामला यहां है कि रंजन चौधरी मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे।