मणिपुर हिंसा को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष लगातार सत्तापक्ष को घेर रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार सरकारी कामगाज का हवाला देते हुए, एक के बाद एक विधेयक पारित कराती जा रही है। बता दे कि इसी क्रम में अगले हफ्ते दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह विधेयक को भी पेश किया जा सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव पर 2 अगस्त को लोकसभा में चर्चा शुरू होने की संभावना
प्राप्त जानकारी के अनुसार , मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 2 अगस्त को लोकसभा में चर्चा शुरू होने की संभावना है।
बीएसी की सोमवार को बैठक होने की उम्मीद
इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने मुताबिक , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में लोकसभा की व्यापार सलाहकार समिति (बीएसी) की सोमवार को बैठक होने की उम्मीद है, जहां सप्ताह के कामकाज को अंतिम रूप दिया जाना है। इस बैठक के दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 2 अगस्त की तारीख तय होने की संभावना है।
पीएम मोदी 1 अगस्त को पुणे की एक दिवसीय यात्रा पर
उन्होंने बताया कि बीएसी की बैठक सोमवार को निर्धारित है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अगस्त को पुणे की एक दिवसीय यात्रा पर होंगे, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 2 अगस्त को शुरू होने की संभावना है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री को देना होता है
नियमों के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री को देना होता है। आपको बता दे कि विपक्ष का यही मकसद है इसलिए यह प्रस्ताव लाया है,ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्वलंत मुद्दों पर बोलने के लिए विवश किया जाए। और मोदी सरकार को घेरा जा सके।
अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने 26 जुलाई को किया स्वीकार
अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने 26 जुलाई को स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा नियम 193 के तहत पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद पर कोई भरोसा नहीं है। एक बार अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त होने की घोषणा की।
सभी विपक्षी दलों के सदस्य ने खड़े होकर किया समर्थन
इसलिए वह जानना चाहते थे कि इस कदम का समर्थन करने वाले कितने सांसद हैं। जब उन्होंने समर्थकों से खड़े होने के लिए कहा, तो कांग्रेस, वामपंथी, तृणमूल कांग्रेस, जद-यू, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी, आप, समाजवादी पार्टी और शिवसेना-यूबीटी सांसदों सहित सभी विपक्षी दलों के सदस्य खड़े हो गए।
लोकसभा में जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी तो इसकी शुरुआत गोगोई या किसी अन्य कांग्रेस सांसद द्वारा की जाएगी।
आम तौर पर चर्चा के लिए आवंटित किए जाते हैं 10 से 12 घंटे
आम तौर पर चर्चा के लिए 10 से 12 घंटे आवंटित किए जाते हैं। यह प्रस्ताव कांग्रेस द्वारा पेश किया गया था, क्योंकि सरकार ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की मांग को नजरअंदाज कर दिया था कि प्रधान मंत्री मोदी संसद में आएं और मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर बोलें, जो मई के पहले सप्ताह से जातीय हिंसा की चपेट में है।