कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दल के नेता संसद में विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए। वे अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किये जाने से नाराज थे। उन्होंने लोकतंत्र खतरे में होने का संकेत देते हुए तख्तियां लहराईं और उनके निलंबन को हटाने की मांग की।
अंबेडकर प्रतिमा की ओर मार्च का नेतृत्व किया
इससे पहले, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मानसून सत्र के आखिरी दिन संसद पहुंचे। वहां से राहुल गांधी ने संसद में बीआर अंबेडकर प्रतिमा की ओर मार्च का नेतृत्व किया। एएनआई से बात करते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह लड़ेंगे।
अवैध कार्यों के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे
वे लोकतंत्र को दबाना चाहते हैं और संविधान के अनुसार काम नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि, हम सभी सभी दल यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हम उनके अवैध कार्यों के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे…लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए हम लड़ेंगे।” संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह लड़ें…”
प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया
उनके साथ राहुल गांधी भी थे, जिनका दिल्ली में एआईसीसी कार्यालय में दोपहर 3 बजे एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने का कार्यक्रम है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार शाम को लोकसभा में चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री बोलते हैं या बहस चल रही होती है तो वह सदन में बाधा डालते हैं। प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया।