विपक्ष की एक ही बात, देश में होनी चाहिए जातीय जनगणना ! - Punjab Kesari
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विपक्ष की एक ही बात, देश में होनी चाहिए जातीय जनगणना !

देश में सालों से विपक्ष हमेशा जातीय जनगणना की मांग करता रहा है. जहां बीजेपी सरकार कई बार

देश में सालों से विपक्ष हमेशा जातीय जनगणना की मांग करता रहा है. जहां बीजेपी सरकार कई बार इसे अनदेखा करते हुए नज़र आ चुकी है. बता दें की विपक्षी दलों की ये महागठबंधन आजकल जाती जनगणना को लेकर कई मुद्दे उठा रही है. क्योंकि वो दावा करते हैं की जातियों की संख्या के आधार पर उन सभी को  सरकारी नौकरी में आरक्षण देने से लेकर ज़रूरतमंदों तक सरकार द्वारा जारी की गयी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा सकता है.  लेकिन बीजेपी सरकार हमेशा ही इसको लेकर पीछे हटती रही है, क्योंकि वो सोचती है की इससे उनका हिन्दू बैंक वोट बिखर जाएगा. 
विपक्ष करवाना चाहती है जातीय जनगणना 
18 जुलाई के दिन बेंगलुरु में विपक्ष की एक महा बैठक हुई, जिसमें जातीय जनगणना को लेकर भी खुलकर बात की गयी. रेप्रोट की माने तो विपक्ष इस मुद्दे को उठकर पिछड़ी जाती के लोगों के वोटों को अपनी तरफ करना चाहता है. बता दें की साल कोन्ग्रेस्स कजे नेतृत्व वाली यूपीए ने  2010-11 में देश में सामाजिक और जातिगत गणना करवाई थी लेकिन आज तक इसके आंकड़े कभी उजागर नहीं किये, साथ ही 2015 में कर्णाटक में भी जातिगत जनगणना जिसके परिणामों को कभी सार्वजनिक तौर पर उजागर नहीं किया गया. 
इन पार्टियों ने की जातीय जनगणना की मांग 
साल 1980 ये वो दौर था जब पहली बार  उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के नेता कांशीराम ने जातीय जनगणना की मांग की थी. इतना ही नहीं बल्कि समाज वादी पार्टी भी हमेशा से जातीय जनगणना की मांग करती है. साथ ही दक्षिण भारत में भी कई नेता इसकी मांग कर चुके हैं. अगर हम बिहार की बात करते हैं तो वहां इसी साल जातीय जनगणना हुई थी, लेकिन अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है. 

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