भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए केवल एक ही मुद्दा है – जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से अपने अवैध कब्जे को हटाता है।
यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा- भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। उनका (पाकिस्तान का) जी-20 और श्रीनगर से कोई लेना-देना नहीं है। कश्मीर पर चर्चा करने का एकमात्र मुद्दा यह है कि जब पाकिस्तान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अपना अवैध कब्जा छोड़ देता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक साथ बैठना चाहिए, जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष (विदेश मंत्री) बिलावल भुट्टो जरदारी पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद के अपराधियों के साथ आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए एक साथ नहीं बैठते हैं। आतंकवाद के शिकार लोग अपना बचाव करते हैं आतंकवाद पर जवाबी कार्रवाई करते हैं, वह इसका आह्वान करते हैं और वास्तव में यही हो रहा है। यहां आकर इन पाखंडी शब्दों का प्रचार करना जैसे कि हम एक ही नाव पर हैं। वह आतंकवाद की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर उन्होंने कहा कि तथाकथित कॉरिडोर, एससीओ की बैठक ने एक बार नहीं बल्कि दो बार स्पष्ट किया कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है लेकिन कनेक्टिविटी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकती है। यह लंबे समय से चली आ रही स्थिति है, इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जो लोग कमरे में थे, उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं था।