आम आदमी को एक बैंक का खाता खुलवाने के लिए काफी प्रक्रियाओ का सामना करना पड़ता था। समस्या उस समय होती थी जब किसी व्यक्ति को किसी योजना के लाभ के लिए बैंक के खाते की आवश्यकता होती थी और ऐसा ना होने पर उसे वंचित होना होता था। केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय) के सचिव विवेक जोशी ने प्रधानमंत्री जन धन योजना के नौ साल पूरे होने पर कहा कि 2015 के बाद से इसमें अच्छी प्रगति हुई है।
हम संतृप्ति के करीब
प्रधानमंत्री जन धन योजना के नौ साल पूरे होने पर जोशी ने कहा, “अगस्त के अंत तक देश में जन धन बैंक खातों की संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई है। मुझे लगता है कि हम संतृप्ति के करीब पहुंच गए हैं।”
हर साल 2.5 से 3 करोड़ खाते जुड़ते
उन्होंने आगे कहा, “हमने शून्य से शुरुआत की थी और फिर यह 15 करोड़ हो गए और अब हम 50 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गए हैं। हर साल 2.5 से 3 करोड़ खाते जुड़ते हैं लेकिन अब हम संतृप्ति के करीब पहुंच गए हैं।”