मणिपुर में हो रही हिंसा सिर्फ अब हिंसा ही नहीं रही बल्कि ये एक ऐसा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिसको लेकर संसद में हर दिन विपक्ष और सरकार के अनबन लगातार बनी रही है। बता दें की विपक्ष लगातार सरकार से मांग कर रही थी की संसद में मणिपुर मुद्दे को लेकर बयान दे। जिसको लेकर सरकार ने मणिपुर गतिरोध को रोकने के लिए 4 अगस्त को केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी दलों के सतह एक बैठक की। यह बैठक आधे घंटे से ज्यादा देर तक की थी।
बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा
PM मोदी की विपक्षी दलों के साथ हुई बैठक के नतीजे की बात की जाए तो वो भी बेनतीजा ही रहा। बता दें की राज्यसभा के सांसद अभी तक इसी बात पर कायम है की पीएम मोदी को सदन में आकर मणिपुर में हो रही हिंसा पर बयान देना चाहिए। रिपोर्ट की माने तो सरकार से विपक्ष सदन के नियम 267 के तहत ही चर्चा करने के लिए मांग कर रही है। लेकिन सत्ता पक्ष का कहना है की प्रधानमंत्री मोदी बयान नहीं देंगे बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही बयान देंगें।
सरकार ख़त्म करना चाहती है विपक्षी दलों के साथ अनबन
दोनों पक्षों के बीच के इस गतिरोध को कम करने के लिए केंद्र सरकार हर कोशिशें कर रही है, लेकिन विपक्ष किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हो रहा। वो इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने का काम कर रहा है। जहां सरकार बयान देने के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष नियम और कानून के दायरे पर बात करवाना चाहती है।