केंद्र सरकार के पास देश के किसी राज्य के विभाजन का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसके साथ ही सरकार का कहना है किसी नए राज्य के सृजन की व्यापक जटिलताएं होती हैं और उनका हमारे देश की संघीय व्यवस्था पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
लोकसभा में टीआर पारिवेंदर और एस रामलिंगम के प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को यह टिप्पणी की। इन दोनों सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या तमिलनाडु या किसी अन्य राज्य को विभाजित करने का कोई प्रस्ताव है?
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इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री राय ने कहा, “नए राज्य बनाने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों की तरफ से समय-समय पर मांग और प्रतिवेदन मिलते हैं। किसी नये राज्य के सृजन की व्यापक जटिलताएं होती हैं और उनका हमारे देश की संघीय व्यवस्था पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “सरकार सभी संबंधित कारकों पर विचार-विमर्श के बाद ही नए राज्य बनाने के मामले में कदम बढ़ाती है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘फिलहाल ऐसा (राज्य के विभाजन का) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।