आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार के लिए मुद्रास्फीति अब प्राथमिकता नहीं है, क्योंकि अब ये काफी कम हो गई है। इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की प्राथमिकता रोजगार सृजन और आय वितरण है। उन्होंने आगे कहा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण समय में जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है, जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला काफी बुरी तरह से प्रभावित हुई है और भू-राजनीतिक समीकरण अस्थिर हैं।
वही, सीतारमण ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में अनिश्चितता केंद्र के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ‘रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे, प्राकृतिक गैस और कोयले की उपलब्धता पर भारी अनिश्चितताएं हैं।’ सीतारमण ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत को भी वैश्विक अनिश्चितताओं और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण निकट भविष्य में कोयले पर अधिक निर्भर रहना होगा।
नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट फंड को मजबूत करने की जरूरत
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अक्षय ऊर्जा की ओर जाने की योजना को झटका लगा है और कोयले की निर्भरता को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा संसाधनों की ओर लौटने के लिए उपकरणों की जरूरत है। नीतिगत मुद्दों पर उन्होंने आगे कहा कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्च र एंड इनवेस्टमेंट फंड (एनआईआईएफ) को और मजबूत करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार डेटा संरक्षण विधेयक लाने की इच्छुक है।