देश की सुरक्षा के लिए तैनात जवान को तो सभी देख लेते है , वो सैनिक जो देश के दुशमन को सीमा से ही दूर कर मार देते है , लेकिन देश के भीतर छुपे दुश्मनो से लड़ना हमारी ख़ुफ़िया संस्थानों को आता है। ख़ुफ़िया संस्थान के साथ जांच एजेंसी की भी भूमिका बहुत अहम है।दिल्ली की राष्ट्रीय जांच एजेंसी अदालत ने मुजाहिदीन के चार अंतिकी दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और सख्त गैरकानूनी के तहत दोषी ठहराया।
देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने का दोषी
अदालत ने उन्हें देश भर में आतंकवादी हमले करके देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया। विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने आईएम कार्यकर्ताओं को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। एनआईए ने सितंबर 2012 में आईपीसी की धारा 121ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना) और धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाना) के तहत मामला दर्ज किया था। यूएपीए की धारा 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), 18ए (आतंकवादी शिविर आयोजित करना), 18बी (आतंकवादी कृत्य के लिए व्यक्तियों की भर्ती करना) और 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना)।
आतंकवादी कृत्य करने के लिए उनके पाकिस्तान स्थित सहयोगी
इससे पहले, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत को सूचित किया कि मोहम्मद दानिश अंसारी इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का एक प्रमुख संचालक है। दानिश अंसारी, जिसे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल का करीबी सहयोगी भी कहा जाता है, को 2013 में एनआईए द्वारा दरभंगा में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) अपने कुछ पदाधिकारियों के साथ सक्रिय सहायता से देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती या नए सदस्यों को शामिल कर रहा है। भारत में विशेष रूप से दिल्ली में महत्वपूर्ण और प्रमुख स्थानों पर बम विस्फोट करके आतंकवादी कृत्य करने के लिए उनके पाकिस्तान स्थित सहयोगियों और देश के भीतर उनके स्लीपर सेल से समर्थन मिलता है।
भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आईएम की बड़ी साजिश
एनआईए ने आरोपपत्र में आगे कहा कि, स्रोत जानकारी से पता चला है कि इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के कार्यकर्ताओं और उसके प्रमुख संगठनों को अपनी आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए विदेशों से नियमित धन मिल रहा है।जांच के दौरान आईएम के अन्य सदस्यों मोहम्मद दानिश अंसारी, अब्दुल वाहेब, सलीम, अब्दुल्ला, मोहम्मद आफताब आलम, फारूक, शेखचिल्ली, हाफिज जी, इमरान खान, जकारिया, सलीम, फजल, तबरेज, राज, पटेल और की भूमिका सामने आई। ओबैद उर रहमान और एक अन्य ने घटना को अंजाम दिया। वे भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आईएम की बड़ी साजिश में शामिल थे