नशा हमारी देश की सबसे बड़ी कमजोरी में से एक है। हर साल लाखों लोग इसके चक्कर में आ कर अपना सब कुछ ख़राब कर लेते है। आपको बता दे कि देश के अंदर काफी सारी नशीली दवाओं पर रोक लगी है, लेकिन फिर भी कुछ लोग देश को नशे की आग में झोकने के लिए दूसरे देश से नसा की दवाओं को तस्करी करके लाते है। इनमे सबसे प्रमुख मानी जाती है कोकीन यह एक पाउडर प्रकार का नसा करने वला पदार्थ होता है, लेकिन अब तस्कर लिक्विड रूप में देश के अंदर सफ्लाई करने लगे है।
हाल ही में एक ताज मामला सामने आया है, जिसने सभी को दंग कर दिया है। गुरुवार को एक 25 साल की केन्याई महिला को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर व्हिस्की की दो बोतलों में घुली कोकीन की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार महिला अदीस अबाबा (इथियोपिया) से आ रही थी, जो अधिकांश ड्रग सफ्लाई के लिए जाना जाता है। बताया जा रहा है कि माजिला के पास से व्हिस्की की दो बोतलें बरामद हुईं जिनमें लगभग 13 करोड़ की कोकीन घुली हुई थी। पुलिस ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और कोकीन से भरी व्हिस्की की बोतलें जब्त कर ली गईं।
आपको बता दे ये कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी अप्रैल में, तंजानिया के एक नागरिक को व्हिस्की की बोतलों में शराब मिलाकर कोकीन की तस्करी करने के आरोप में दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और सीमा शुल्क द्वारा प्रोफाइलिंग के आधार पर व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। वह भी अदीस अबाबा से पहुंचा और डीबोर्डिंग गेट से उसका पीछा किया गया।
लेकिन लिक्विड कोकीन ही क्यों?
तरल कोकीन पानी या अन्य सॉल्वैंट्स का उपयोग करके पाउडर को घोलकर बनाया जाता है और बाद में इसे वापस पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। कोकीन को उसके पाउडर के रूप की तुलना में उसके तरल रूप में पहचानना कठिन है।
अधिकारियों के मुताबिक तस्करी का यह तरीका दुर्लभ है। कोकीन दुरुपयोग की सबसे आम दवाओं में से एक है और सीमा नियंत्रण के माध्यम से कोकीन की तस्करी की कल्पनाशील तकनीकें अन्य देशों में भी हुई हैं। ऐसे ही एक केस में एक नाइजीरियाई व्यक्ति को पिछले साल नवंबर में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो व्हिस्की की बोतलों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कोकीन को तरल में घोल दिया गया था।