आईआईटी-दिल्ली के सुझाये उत्तर के अनुसार नीट-यूजी मेधा सूची संशोधित की जाए: न्यायालय
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आईआईटी-दिल्ली के सुझाये उत्तर के अनुसार नीट-यूजी मेधा सूची संशोधित की जाए: न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से कहा कि वह भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के लिए आईआईटी-दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति द्वारा सुझाये गये उत्तर को सही मानकर अपनी मेधा सूची में संशोधन करे।

एनटीए ने दोनों विकल्पों को भौतिकी के प्रश्न का सही उत्तर माना था तथा इन विकल्पों पर निशान लगाने वाले परीक्षार्थियों को चार अंक दिए थे। अब केवल उन छात्रों को प्रश्न के लिए चार अंक मिलेंगे, जिनके उत्तर आईआईटी-दिल्ली द्वारा दिए गए उत्तर से मेल खाते हैं जबकि चार लाख से अधिक ऐसे नीट अभ्यर्थी, जिन्होंने एनसीईआरटी की पुरानी पाठ्यपुस्तक के अनुसार अन्य विकल्प का उत्तर दिया था, उन्हें पांच अंक का नुकसान होगा, ऐसे में उनकी रैंक में फेरबदल होगा।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में पूछे गए भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न का केवल एक ही सही उत्तर था, न कि दो।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

शीर्ष रैंक पाने वालों में से एक की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे ने कहा कि छात्रा ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं और अगर केवल एक उत्तर को सही माना जाता है तो उसकी रैंक काफी नीचे चली जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों उत्तरों को सही माना जाना चाहिए।

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