महा शिवरात्रि के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि प्रकृति माता और सभी बच्चों के बीच सौहार्द्र के साथ संतुलित और करुणामय जीवन की जरूरत को आज से पहले कभी इतना तीव्रता के साथ महसूस नहीं किया गया।
आदि योगी की 112 फुट लंबी प्रतिमा के नजदीक ईशा योग केंद्र पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महाशिवरात्रि अंधकार एवं अज्ञानता की समाप्ति और ज्ञान का पथ खुलने के रूप में मनायी जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘शिवरात्रि का अध्यात्मिक प्रकाश हमारे जीवन के प्रत्येक दिन में हमारे पथ को प्रकाशित करे।’’
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी सद्गुरु के योगदान की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह आधुनिक समय के रिषी हैं तथा असंख्य लोगों विशेषकर भारत एवं विदेश के यूवाओं ने आध्यात्मिक प्रगति के लिए उनके भीतर प्रेरणा पायी है।
इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, राज्य के आईटी मंत्री मानो थंगराज भी मौजूद थे।