उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या के आरोपी सहायक उप-निरीक्षक गोपाल दास ने ओडिशा क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं, क्राइम ब्रांच ने कहा कि गोपाल ने हमें बताया कि उसका मकसद मंत्री को खत्म करके एक क्रांति लाना था, जिनसे उसको गहरी नफरत थी।
जनीतिक या अन्य साजिश के एंगल का पता
जांच एजेंसी को अभी तक मंत्री नव किशोर दास की हत्या के पीछे किसी भी राजनीतिक या अन्य साजिश के एंगल का पता नहीं चला है। इससे यह साबित होता है कि गोपाल ने मानसिक रोगी होने के कारण यह अपराध किया या अदालत में सजा से बचने के लिए पागल होने का नाटक कर रहा है। इसकी जांच के लिए वह पहले से ही एक फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक परीक्षा से गुजर चुका है, जिसके रिपोर्ट्स का इंतजार है।
गोली मारकर भागना चाहता था गोपाल
क्राइम सीन रीक्रिएशन के बाद, गोपाल ने जांचकर्ताओं से कहा कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। उसने कहा कि भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को मार दिया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोपाल ने बताया कि वह केवल 6 इंच की दूरी से मंत्री के सीने पर गोली मारकर भागना चाहता था। उसने भीड़ पर अपनी सर्विस पिस्टल तान दी और हवा में दो बार ब्लैंक फायरिंग की। कुछ पुलिस कर्मियों ने उस पर काबू पा लिया।
हवाई शॉट लेने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
जांचकर्ताओं ने एक घंटे तक चलने वाले पूरे अभ्यास के हवाई शॉट लेने के लिए एक ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया। राज्य और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञ मौके पर मौजूद थे। जांच एजेंसी एक सुराग की पुष्टि कर रही है कि क्या गोपाल ने हत्यारे को भाड़े पर लेने की योजना बनाई थी या उसने अपने किसी परिचित के साथ अपनी योजना साझा की थी। स्थानीय पुलिस के सूत्रों ने कहा कि गोपाल ने शुरुआत में एक पेशेवर हत्यारे से मंत्री की हत्या कराने की योजना बनाई थी। बाद में, उन्होंने सोचा कि योजना विफल हो सकती है क्योंकि नव किशोर दास हमेशा अपने समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों से घिरे रहते थे।
परिवार की कुर्बानी देने को तैयार
गोपाल ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उसने मंत्री की हत्या के लिए किसी पर भरोसा नहीं किया और अपने मिशन को पूरा करने के लिए खुद को सही व्यक्ति के रूप में चुना। अधिकारी ने कहा कि गोपाल जानता था कि उसे या तो मार दिया जाएगा या गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार की कुर्बानी देने को तैयार है।
गोपाल की जान को खतरा
डीजीपी सुनील बंसल ने निदेशक संजीब पांडा और अतिरिक्त महानिदेशक आरके शर्मा के साथ जांच की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को झारसुगुड़ा का दौरा किया। जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेपी दास भी झारसुगुड़ा पहुंचे। वहीं विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा द्वारा झारसुगुड़ा जेल में एएसआई गोपाल दास के म जताई थी। वहीं अब क्राइम ब्रांच उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटक के चौद्वार सर्किल जेल या भुवनेश्वर में झारपाड़ा विशेष जेल में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है।