भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षी दलों पर बुधवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को ‘‘सांप्रदायिकता के कारीगरों’’ से मुक्त कराने का समय आ गया है क्योंकि यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए है।उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह यूसीसी के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है या इसके कार्यान्वयन के खिलाफ ‘‘सांप्रदायिक साजिश’’ का हिस्सा है।
कटुतापूर्ण दुष्प्रचार शुरू कर दिया है
आपको बता दें नकवी ने कहा, ‘‘संविधान सभा से लेकर संसद, सड़क, नागरिक समाज, उच्चतम न्यायालय कई मौकों पर यूसीसी की संवैधानिक जरूरत को मजबूती से महसूस करते रहे, लेकिन ‘सांप्रदायिक सियासत’ ने ‘समावेशी सुधार’ को हाईजैक किया। इसका परिणाम यह रहा कि यूसीसी संविधान का हिस्सा बनने के बजाय इसके नीति निर्देशक सिद्धांतों का एक हिस्सा बनकर रह गया।’’उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर फिर से राष्ट्रीय बहस की प्रभावी प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ‘‘सांप्रदायिक वोटों के सौदागरों’’ ने फिर से इसके खिलाफ अपना कटुतापूर्ण दुष्प्रचार शुरू कर दिया है।
विपक्ष UCC के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को किया गुमराह
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूसीसी की पुरजोर वकालत करते हुए सवाल किया था कि ‘‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?’’ उन्होंने साथ ही कहा था कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का उल्लेख है।मोदी ने आरोप लगाया था कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।