चावल के निर्यात को लेकर मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, पूरी दुनिया में हलचल तेज - Punjab Kesari
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चावल के निर्यात को लेकर मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, पूरी दुनिया में हलचल तेज

मोदी सरकार ने निर्यात को लेकर बड़ा फैसला किया है जिसको लेकर देश विदेश में चर्चा हो रही

मोदी सरकार ने निर्यात को लेकर बड़ा फैसला किया है जिसको लेकर देश विदेश में चर्चा  हो रही है। दरअसल मोदी सरकार ने  ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके बाद से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में चावल की खरीद के लिए अफरा-तफरी का माहौल है।
प्रतिबंद से हो रही पैनिक खरीददारी
इसे लेकर अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के सुपरमार्केट्स ने चावल की खरीद को लेकर एक सीमा तय कर दी है जिससे चावल की पैनिक खरीददारी को रोका जा सके। इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF ने भारत से आग्रह किया कि वो गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दे।
मोदी सरकार के फैसले के बाद हानि हो सकती है
आईएमएफ का कहना है कि ऐसे फैसले पूरी दुनिया में हानिकारक प्रभाव डालते हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर  गौरींचस ने कहा कि इस प्रकार के प्रतिबंधों से दुनिया के बाकी देशों में खाद्य कीमतों में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है।
 काला सागर समझौता टूटने पर भी हुई थी हानि
उनका कहना है भारत के प्रतिबंध का वैसा ही प्रभाव होगा जैसा कि रूस-यूक्रेन के बीच काला सागर समझौता टूटने से हो रहा है। गेहूं के शीर्ष निर्यातकों में शामिल यूक्रेन काला सागर के जरिए अपना गेहूं विश्व बाजार में भेजता है लेकिन हाल ही में रूस ने इस समझौते को रद्द कर दिया है जिसकी वजह से अचानक से गेहूं की कीमतों में  बढोतरी हुई है।
 2023 में वैश्विक अनाज की कीमतों में हुई थी बढोत्तरी
 इसलिए कहा जा रहा है कि 2023 में वैश्विक अनाज की कीमतें 10-15% तक बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा यह निश्चित रूप से ऐसी कुछ चीजों में शामिल है जिन्हें हम इस प्रकार के निर्यात प्रतिबंधों को हटाने के लिए प्रोत्साहित करेंगें। क्योंकि ऐसे प्रतिबंध विश्व स्तर पर हानिकारक हो सकते हैं। वहीं रिसर्च डिपार्टमेंट के डिवीजन चीफ डेनियल का कहना है कि अगर भारत की तरह दुनिया के बाकी देश भी इस तरह के प्रतिबंध लगाने लगें तो वैश्विक महंगाई में बढ़ोतरी होगी।
भारत ने चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
अब कई लोगों के मन में सवाल भी होंगे की भारत ने  चावल का निर्यात पर प्रतिबंध क्यो लगाया।  दरअसल भारत सरकार ने फैस्टीवल के दौरान  घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। बात दें भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है
भारत वैश्विक निर्यात में 40 फीसदी का देता है योगदान
भारत ने साल 2022-23 में चावल के वैश्विक निर्यात में 40 फीसद का योगदान दिया था। वहीं इस मामले को लेकर खाद्य मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध उसना चावल के निर्यात पर नहीं है।  2022-23 में भारत के गैर-बासमति सफेद चावल का कुल निर्यात 42 लाख डॉलर का था जबकि पिछले साल यह निर्यात 26.2 लाख डॉलर का था। इससे साफ है कि भारत बड़े स्तर पर चावल का निर्यात करता है। त्योहार को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर रोक लगाई है ताकि भारत में चावल की कमी न हो।

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