मोदी सरकार ने गरीबों को दी बड़ी राहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुफ्त खाद्यान्न योजना को अगले साल मार्च तक बढ़ाया - Punjab Kesari
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मोदी सरकार ने गरीबों को दी बड़ी राहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुफ्त खाद्यान्न योजना को अगले साल मार्च तक बढ़ाया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले साल मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के विस्तार को मंजूरी दे

देश में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर फिलहाल भले ही मंद पड़ चुकी हो, लेकिन इसका खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में देश के करोड़ों गरीब लोगों को अपना जीवन-यापन करने में काफी दिक्कत आ सकती है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है।  
30 नवंबर को समाप्त होने वाली थी 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले साल मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। पिछले साल, सरकार ने कोरोना के प्रकोप के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के मद्देनजर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) द्वारा कवर किए गए सभी लाभार्थियों के लिए घोषणा की थी। यह योजना 30 नवंबर को समाप्त होने वाली थी। इस योजना के तहत, सरकार लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करती है। 
अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी 
पीएमजीकेएवाई को मार्च 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर अतिरिक्त 53,344 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस विस्तार सहित लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। 
महामारी के कारण हुए संकट को दूर करने के लिए तीन महीने के लिए प्रदान किया गया था  
पीएमजीकेएवाई को कोविड-19  महामारी के कारण हुए संकट को दूर करने के लिए तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए प्रदान किया गया था। हालांकि, संकट जारी रहने के साथ, कार्यक्रम को और पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2020) के लिए बढ़ा दिया गया था। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद, पीएमजीकेएवाई को एक बार फिर दो महीने (मई-जून 2021) के लिए शुरू किया गया था और इसे आगे पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2021) के लिए बढ़ा दिया गया था। 
उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे 

एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, ”संसद में भी इस कार्य (तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने) को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा।” उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है, उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे। 
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध  
इसी पृष्ठभूमि में कुछ ही दिन बाद मंत्रिमंडल ने कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक, 2021 को मंजूरी दी है। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है। 
पीएम मोदी ने की थी किसानों से घर लौटने की अपील  
प्रधानमंत्री ने कहा था, “हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का, निरस्त करने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।” प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की थी कि वे अपने-अपने घर लौटें, अपने खेत औ अपने परिवार के बीच लौटें।

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