मोदी सरकार ने लिए नोटबंदी के फैसले को लेकर विपक्ष हमलावर है। विपक्ष नोटबंदी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देता है और सरकार इसे फायदेमंद बताती। कृषि मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है। कि नोटबंदी के फैसले से किसानों पर बहुत बुरा असर पड़ा था। जिसके चलते संसद की एक स्थायी समिति कि बैठक में कृषि मंत्रालय ने माना है कि नगदी की कमी के चलते लाखों किसान, रबी सीजन में बुआई के लिए बीज-खाद नहीं खरीद। जिससे किसानों पर काफी बुरा असर पड़ा है।
कृषि मंत्रालय रिपोर्ट संसदीय समिति को सौंपी है। कृषि मंत्रालय ने संसदीय समितिसे कहा कि जब नोटबंदी हुई थी। तब किसान अपनी खरीफ की पैदावार बेच रहे थे या फिर रबी फसलों की बुआई कर रहे थे। किसानों को ऐसे टाइम में कैश कि बहुत जरूरत होती है। लेकिन उस टाइम कैश कि दिक्कत को लेकर किसान बीज और खाद नहीं खरीद पाए।
मंत्रालय ने बताया कि कैश की किल्लत के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के लगभग 1 लाख 38 हजार क्विंटल गेहूं के बीज नहीं बिक पाए थे। हालांकि सरकार ने बाद में गेहूं के बीज खरीदने के लिए 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों के इस्तेमाल की छूट दे दी थी। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की इस छूट के बाद भी बीज के बिक्री में कोई खास तेजी नहीं आई थी। उधर म मंत्रालय ने समिति के समक्ष नोटबंदी की तारीफ करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद के क्वार्टर में रोजगार के आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
आम बजट में कृषि, बुनियादी ढांचा निवेश को प्राथमिकता : गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि आगामी आम बजट में कृषि और बुनियादी ढांचा निवेश को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ देश दो अंकीय वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहा है। गडकरी ने यहां आम बजट से पहले यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कियान्वयन के बाद अब स्थिति वास्तव में बदल रही है। पिछले साल की तुलना में हमारा प्रत्यक्ष कर संग्रह 18 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं सरकार का कर्ज 30,000 करोड़ रुपये घटा है जिससे राजकोषीय घाटे को काबू में रखने में मदद मिलेगी।’’
गडकरी ने कहा कि पिछली तिमाही की वृद्धि दर बढ़कर सात प्रतिशत हो गई है। हमारा लक्ष्य दस प्रतिशत से अधिक वृद्धि का है। इसमें कुछ समय लगेगा। हालांकि, हमारी अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से बढ़ रही है, मुझे विश्वास है कि हम इसे हासिल कर पाएंगे। गडकरी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि वित्त मंत्री कृषि और बुनियादी ढांचा निवेश को आगामी बजट में अधिक प्राथमिकता देंगे। मंत्री ने कहा कि सरकार की सड़क, जहाजरानी, बंदरगाह और अंतर्देशीय जलमार्गों की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं आठ लाख करोड़ रुपये के निवेश से मार्च, 2018 तक पूरी होंगी।
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण और रफ्तार पकड़ेगा। मार्च तक प्रतिदिन 28 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा जबकि अगले साल तक इसे 40 किलोमीटर प्रतिदिन किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक लाख करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाएं मंजूर की हैं। उन्होंने राज्य सरकार से जलमार्ग जैसे परिवहन के नए तरीके अपनाने को कहा। गडकरी ने कहा कि देश में अगले दो साल में 10,000 सीप्लेन परिचाल में होंगे।