मणिपुर को करीबन दो महीने से ज्यादा दिन हो गए हिंसा की आग में जलते हुए ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों अपनी तरफ से भरसक प्रयास कर रही है। हालंकि केंद्रीय बल जाने के बाद वहा हालात में कुछ सुधार भी हुआ लेकिन और सुधार ज्यादा दिन नहीं टिक सके। राज्य में गलत खबरों या अफवाहों का प्रवाह न हो इसके मद्देनज़र इंटरनेट भी बंद किया गया था। दंगो के गतिविधि जानने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने सर्वदलीय बैठक भी की थी और अब लोकसभा में भी अपना बयाना दिया।
अमित शाह का विपक्ष से अनुरोध कार्यवाही चलने दे
मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर सोमावार को दोनों संदन हंगामे की भेट चढ़ गए। इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा में अपनी बात को रखते हुए कहा की हम इस विषय पर चर्चा को तैयार है।मुझे मालूम नहीं विपक्ष क्यों इस पर चर्चा नहीं चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा विपक्ष से आग्रह है कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें। ये महत्वपूर्ण है कि देश को इस संवेदनशील मामले पर सच्चाई पता चले। हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही मंगलवार (25 जुलाई) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष हमलावर
संसद में यू तो मानसून सत्र चल रहा लेकिन अक्सर वहा का माहौल गर्म ही रहता है। मणिपुर के मामले पर दोनों सदन लोकसभा और राजयसभा में विपक्षी दलो के सांसदों ने मणिपुर पर पीएम मोदी की बयान की मांग को लेकर नारेबाजी की। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ ने लोकसभा में कह चुके थे हम संसद में चर्चा को तैयार है।