मणिपुर को हिंसा की आग में जलते हुए करीबन दो महीने से ऊपर हो गए। हालातो को नियंत्रण में करने के करने के लिए केंद्रीय बलों की कई टुकड़ी वहा पहुंची थी। हालंकि स्थिति नियंत्रण में भी होने लगी थी लेकिन कुछ दिनों में अचानक हिंसाओं ने जोर पकड़ लिया। जिसके बाद हालातो में सुधार होने के जगह दिन प्रतिदिन बिगड़ते चले गए। मणिपुर की वाइरल वीडिओ के बाद देश भर आक्रोश फैल गया जिसके बाद सरकार विपक्ष के निशाने पर है। संसद के मानसून सत्र के शुरूआती दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। आलम ये की एक राज्य सभा से एक सांसद को निलंबित करना पड़ा।
कितनी भी लम्बी चर्चा हो हम तैयार है
केंद्रीय गृह मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुआ कहा इनको ना सरकार में रूचि में ना सहकारिता में ना दलितों में रूचि है ना महिलाओ के कल्याण में रूचि है। तो उनके नारे लगाने स्वाभिक है। मगर में फिर से कहना चाहता हूँ, मैने आज दोनों सदन के विपक्ष नेता को पत्र लिखा है। कितनी भी लम्बी चर्चा को में तैयार हु सरकार को कोई डर नहीं है। में कहता हु जनता आपको देख रही है। मणिपुर संवेदनशील मुद्दे चर्चा के लिए उचित माहौल बनाए।मुझे मालूम नहीं विपक्ष क्यों इस पर चर्चा नहीं चाहता
मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर सोमावार को दोनों संदन हंगामे की भेट चढ़ गए। इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा में अपनी बात को रखते हुए कहा की हम इस विषय पर चर्चा को तैयार है।मुझे मालूम नहीं विपक्ष क्यों इस पर चर्चा नहीं चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा विपक्ष से आग्रह है कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें। ये महत्वपूर्ण है कि देश को इस संवेदनशील मामले पर सच्चाई पता चले। हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही मंगलवार (25 जुलाई) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।